बरेली हिंसा मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की निंदा, मौलाना तौकीर की रिहाई की उठाई मांग
Bareily Violance: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मौलाना तौकीर रजा खान और गिरफ्तार किए गए सभी अन्य लोगों को तुरंत रिहा करने की मांग की है.

बरेली हिंसी मामले में पुलिस ने मौलाना तौकीर समेत 73 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने एक आरोपी ताजिम को एंकाउंटर कर दबोचा है. इस बीच ऑल इंडिया मु्स्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से एक निंदनीय बयान सामने आया है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मौलाना तौकीर रजा खान की गिरफ्तारी और उनके साथ अन्य लोगों के खिलाफ की गई कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. बोर्ड ने कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिए गए धमकी भरे बयानों और पुलिस के रवैये से यह साफ होता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की जा रही है. बोर्ड ने तत्काल और बिना शर्त सभी गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग की है.
बोर्ड के प्रवक्ता ने लगाए आरोप
बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. एस. क्यू. आर. इलियास ने प्रेस बयान में कहा कि कानपुर की घटना के विरोध में मुस्लिम समाज का शांतिपूर्ण प्रदर्शन अपराध नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने आक्रामक और गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए शक्ति का दुरुपयोग किया और निर्दोष लोगों के साथ अत्याचार किया.
उनका कहना है कि आई लव मोहम्मद लिखे नारे या बैनर दिखाना न तो गैरकानूनी है और न ही असंवैधानिक. भारत में अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी अपने व्यक्तित्व के प्रति इसी प्रकार की श्रद्धा व्यक्त करते हैं, लेकिन उन पर कभी कार्रवाई नहीं होती. ऐसे में कानपुर की घटना पर एफआईआर दर्ज करना भेदभावपूर्ण और निंदनीय है.
सीएम योगी के बयान पर गरजे प्रवक्ता
डॉ. इलियास ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का मौलाना तौकीर रजा खान और बरेली के शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ अहंकारी और सख्त भाषा प्रयोग करना मुख्यमंत्री के पद की गरिमा के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसी एक समुदाय के नेता नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के संवैधानिक प्रतिनिधि हैं, और उन्हें पक्षपातपूर्ण या साम्प्रदायिक भाषा से बचना चाहिए.
प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि मौलाना तौकीर रजा खान समुदाय के एक सम्मानित और जिम्मेदार नेता हैं, जिन्होंने केवल शांतिपूर्ण विरोध का आह्वान किया था. यह संविधान और लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत पूरी तरह जायज है. सरकार की किसी भी कार्रवाई का विरोध करना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की कि मौलाना तौकीर रजा खान और शांतिपूर्ण प्रदर्शन में गिरफ्तार सभी लोगों को तुरंत रिहा किया जाए और उनके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को बिना देरी वापस लिया जाए.
Source: IOCL





















