बाराबंकी में दर्दनाक हादसा, डीजल टैंक में उतरे तीन मजदूरों का जहरीली गैस से दम घुटने से मौत
Barabanki News: जहांगीराबाद में गणपति कैटल शीट फैक्ट्री के डीजल टैंक की सफाई के लिए तीन मजदूर डीजल टैंक में उतरे थे. जहां ज़हरीली गैस होने की वजह से वो बेहोश हो गए.
Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में दर्दनाक हादसा हो गया, जहां जहांगीराबाद थाना क्षेत्र के एक गांव में सोमवार शाम एक पशु आहार फैक्टरी के डीजल चैंबर की सफाई के लिए उतरे तीन श्रमिकों की दम घुटने से मौत हो गई. पुलिस के एक अधिकारी ने देर शाम यह जानकारी दी. पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
जानकारी के मुताबिक जहांगीराबाद में गणपति कैटल शीट फैक्ट्री के डीजल टैंक की सफाई के लिए तीन मजदूर डीजल टैंक में उतरे थे. जहां ज़हरीली गैस होने की वजह से वो बेहोश हो गए. इसके बाद उन्हें तत्काल इलाज के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया. जहां उनकी दम घुटने से मौत हो गई.
पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
पुलिस के अनुसार घटना के करीब 45 मिनट बाद प्रशासन को इसकी जानकारी हुई. जिसके बाद पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है और उनकी पहचान बाराबंकी के ही रहने वाले नीलेश और सुनील के रूप में हुई है. जबकि तीसरा मजदूर अंबेडकर नगर का धर्मेंद्र है.
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चिरंजीवी नाथ सिन्हा ने बताया कि आज ग्राम भटेहटा के पास गणपति एग्री पशु आहार बनाने वाली एक फैक्टरी के अंदर एक डीजल चैंबर में शाम करीब 4:30 बजे एक श्रमिक टैंक साफ करने के लिए उतरा तो वापस नहीं आया. इसके बाद दूसरा और फिर तीसरा श्रमिक भी अंदर गया लेकिन, तीनों के वापस न आने पर अन्य श्रमिकों ने अंदर जाने की कोशिश की तो दम घुटता महसूस हुआ.
सेफ्टी बेल्ट नहीं लगाई थी
पुलिस के अनुसार सूचना मिलने के बाद फैक्टरी का प्रबंध तंत्र सक्रिय हुआ और आनन फानन में किसी तरह तीनों श्रमिकों को निकालकर देवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया.
तीनों श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण है. जिसकी वजह से उनके परिवार को भी आर्थिक सहायता दी जाएगी. ये तीनों मजदूर हर साल इस टैंक की सफ़ाई करते थे. फ़ैक्ट्री के मालिक अशोक द्विवेदी ने कहा कि प्लांट में मरम्मत और सफ़ाई का काम चल रहा था. मज़दूरों ने सुरक्षा बेल्ट नहीं लगाई थी. जिसके वजह से उन्हें समय रहते निकाला नहीं जा सका.
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