रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड: कोर्ट के फैसले पर पत्नी रोली मिश्रा बोलीं, 'ऐसी ही उम्मीद थी'
Bahraich News: 13 महीने 26 दिन तक चली सुनवाई में एडीजे फर्स्ट की कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों को दोषी माना था और फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट के आज के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं.

उत्तर प्रदेश बहराइच में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड मामले में आज(11 दिसंबर) को अदालत ने मुख्य आरोपी सरफ़राज़ को फांसी और अन्य 9 को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. अदालत के इस फैसले के बाद रामगोपाल मिश्रा की पत्नी रोली मिश्रा ने संतोष जताया और कहा कि कोर्ट के फैसले का हम स्वागत करते हैं. हमें यह फैसला मंजूर है. 13 महीने 26 दिन तक चली सुनवाई में एडीजे फर्स्ट की कोर्ट ने सभी 10 आरोपियों को दोषी माना था और फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट के आज के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई थीं. वादी पक्ष ने इस मामले में मृत्यु दंड की मांग की थी.
पीड़ित पक्ष ने फैसले पर संतोष जताया
रामगोपाल मिश्रा का परिवार इस फैसले पर नजरें टिकाए हुए थे. पत्नी रोली मिश्रा लगातार इस मामले आरोपियों की फांसी की सजा अकी मांग कर रही थी. खुद इस मामले में सीएम योगी ने पीड़ित परिवार से मिलकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था. आज जब कोर्ट का फैसला आया तो रोली मिश्रा ने कहा कि हमें अदालत से ऐसे ही फैसले की उम्मीद थी, हम फैसले का स्वागत और सम्मान करते हैं.
क्या था पूरा मामला ?
आपको बता दें कि 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान महाराजगंज बाजार में हिंसा भड़की थी. इस बीच तोड़फोड़ आगजनी के साथ रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना में आरोपियों के खिलाफ BNSS की धारा 191(2) 191(3), 190, 103(2) 249, 61(2) के साथ आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था .
घटना के बाद से पुलिस मुठभेड़ में मुख्य आरोपी सरफराज सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था और एनएसए तक की कार्रवाई की गयी थी. तकरीबन 13 माह तक चली सुनवाई एवं ट्रायल के बाद आखिरकार राम गोपाल मिश्रा के परिजनों एवं हिंसा से प्रभावित हुए पीड़ितों को न्याय मिला है.
इन्हें मिली सज़ा
एडीजे फर्स्ट ने इस मामले में अब्दुल हमीद, सरफराज, मोहम्मद तालिब, फहीम, जीशान, मोहम्मद सैफ, जावेद, सोएब खान,ननकऊ और मारूफ अली सहित 10 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए, सरफराज को फांसी एवं अन्य 9 को आजीवन कारावास की सजा के साथ एक-एक लाख के अर्थदंड की सज़ा भी सुनाई है.
Source: IOCL























