UP Politics: सपा से निष्कासन के बाद विधायक ने किया शक्ति प्रदर्शन, अखिलेश यादव पर भी गरजे
Amethi News: पिछले कुछ दिन पहले समाजवादी पार्टी ने अपनी ही विधायकों को पार्टी से निष्काषित कर दिया था. इसी बीच अमेठी से विधायक राकेश प्रताप पार्टी से निकाले जाने के बाद पहली बार अपनी विधानसभा पहुंचे.

Amethi News: समाजवादी पार्टी से निष्कासित किए जाने के बाद अमेठी जिले की सदर सीट गौरीगंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह, अपने लाव लश्कर के साथ अमेठी जनपद पहुंचे. इस दौरान निष्कासित विधायक ने हजारों गाड़ियों के काफिले के साथ जनपद की सीमा में प्रवेश कर जिले की जनता के सामने शक्ति प्रदर्शन दिखाया है.
जनपद की सीमा से लेकर जनपद मुख्यालय गौरीगंज तक पहुंचने में जगह-जगह विधायक के लोगों ने जनसमूह एकत्रित कर उनका ऐसा भव्य स्वागत करवाया जैसे कि वह उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री का पद हासिल कर अपनी विधानसभा में पहुंच रहे हों. रास्ते में लोगों ने योगी बाबा के हथियार के रूप में देखे जाने वाले बुलडोजर का प्रदर्शन करते हुए उससे विधायक के ऊपर पुष्प वर्षा किया.
सपा से निष्काषित विधायक पहली बार जनता के बीच पहुंचे
अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज स्थित लोक निर्माण विभाग के गेस्टहाउस में पहुंचने के बाद विधायक राकेश प्रताप सिंह ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी में संगठन से लेकर सदन तक काम किया यह मुलायम सिंह यादव की समाजवादी नहीं रही, लोहिया जी की समाजवादी नहीं रही. आज समाजवादी पार्टी जातिवादी पार्टी हो गई है और धर्म विरोधी पार्टी हो गई है. इसलिए इसके साथ काम कर पाना संभव नहीं हो पा रहा था अब अलग होकर बड़ा ही सुकून महसूस हो रहा है.
राकेश प्रताप सिंह ने दावा करते हुए कहा गौरीगंज की जनता मेरे साथ थी और है. मुझे पार्टी से निकाला गया है अमेठी और गौरीगंज वालों के दिल से मुझे नहीं निकाला जा सकता है. जिसका प्रमाण लखनऊ से गौरीगंज पहुंचने के रास्ते में देखने को मिला है. जनपद बॉर्डर से लेकर गौरीगंज तक पहुंचने में 5 घंटे का समय लग गया. जगह-जगह लोगों ने स्वागत स्वागत किया. जो लोग पहले मेरे साथ थे चाहे वह संगठन में काम करते समय अथवा सदन में पहुंचाते समय, वह लोग आज भी मेरे साथ मेरे स्वागत में खड़े हैं.
सपा प्रमुख पर गरजे विधायक
विधायक पद से इस्तीफा देना है या नहीं यह आगे तय किया जाएगा क्योंकि आज ही मैं आया हूं और अपने घर परिवार तथा शुभचिंतकों एवं राजनीतिक मार्गदर्शकों के साथ बैठकर मैं करूंगा कि आगे क्या करना है? अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव भी पार्टी से निकल गए थे उन्हें मुलायम सिंह यादव ने पार्टी से निकला था. पहले यह पार्टी संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुसार चलती थी. जब अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव पार्टी से निकल गए थे तब इन दोनों लोगों ने नेताजी के ऊपर आरोप लगाया था कि इन्हें पार्टी का संविधान नहीं पता है. इन्होंने हमको नोटिस नहीं दिया और पार्टी से निकाल दिया है. वही कार्य आज एक बार फिर अखिलेश यादव खुद किए हैं वह बिना मुझे नोटिस दिए और मेरे जवाब का इंतजार किए बगैर मुझे पार्टी से निकाल दिए हैं. यह संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत कार्य किया गया है.
जब अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव निकल गए थे तब इन लोगों ने भी इस्तीफा नहीं दिया था तो आज मैं पूछना चाहता हूं कि समाजवादी पार्टी का वह कौन नेता है जो मुझे इस्तीफा मांग रहा है? वह मुझसे चर्चा कर सकता है. मुझे लगता है कि गौरीगंज और अमेठी का जो संगठन रहा है वह भी समाजवादी नहीं रहा है. वह हमेशा पार्टी के विरोध में कार्यकरता रहा है. चाहे वह अमेठी में रहा हो अथवा गौरीगंज मेंरहा हो. जिसका प्रमाण सहित मैंने अखिलेश यादव को साक्ष्य दिया था लेकिन उसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई. इसके लिए सोचा जाएगा और इतना किया जाएगा क्योंकि मेरे लिए राष्ट्र प्रथम है और राम प्रथम है इसी के साथ-साथ सनातन भी प्रथम है. राजनीति मेरी सेवा का विषय हो सकता है धर्म मेरा आस्था का विषय है इसलिए धर्म और राष्ट्र से बढ़कर मेरे लिए कुछ भी नहीं हो सकता है.
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