Aligarh News: एएमयू में जिन्ना की तस्वीर पर बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी का बयान, कहा- 'फोटो सिर्फ दीवार से नहीं...'
Aligarh News: सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ये मामला हिंदू मुसलमान का नहीं है, मामला कट्टरवादी सोच का है, जो कि देश के अंदर अलगाव बिखराव को बढ़ाती रहती है. एएमयू के अंदर ऐसे तत्व भी सक्रिय रहते हैं.
Aligarh News: बीजेपी से राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी मंगलवार अलीगढ़ पहुंचे, जहां उन्होंने पीएम मोदी के नौ साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन्ना की फोटो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की दीवार ही नहीं लोगों के दिल से भी निकलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तथ्य को झुठलाया नहीं जा सकता है कि पाकिस्तान का पहला प्रधानमंत्री लियाकत अली यही का ग्रेजुएट था और खुद जवाहर लाल नेहरू ने अपनी किताब डिस्कवरी ऑफ इंडिया के पेज नंबर 403 पर लिखा है मुस्लिम लीग की स्थापना का मुख्य स्रोत एएमयू है.
सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि सांप्रदायिकता के वह सूरमा जो कहते हैं कि मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेकुलर है उनको मैंने उनके पिताजी के नाना जी की किताब कोड की है अब वह जो निर्णय लेना चाहे उन पर टिप्पणी करना चाहे वो स्वतंत्र हैं.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर बोले बीजेपी नेता
बीजेपी नेता ने कहा, ये मामला हिंदू-मुस्लिम का नहीं है. उसके अंदर सदैव कट्टरपंथी तत्वों को ही श्रेय क्यों मिलता है. यहां पर इस तरह के नारे लगते थे कि हिंदुत्व की कब्र खुदेगी. उसी प्रकार में मुस्लिम समाज को लेकर भी बोलना चाहता हूं कि इस देश के लिए आर्मी में शहीद होने वाला पहला गैलंट्री अवॉर्ड विनर कौन था ब्रिगेडियर उस्मान वो गाजीपुर के रहने वाले थे. कितने गए सांप्रदायिकता के सूरमा, क्या वहां पर किसी की फोटो देखी है. वीर अब्दुल हमीद के बलिदान की 50 वीं वर्षगांठ 2015 में हुई कोई गया सेकुलरिज्म का सूरमा उनके घर पर, प्रधानमंत्री जी ने पूरे परिवार को दिल्ली बुला कर सब को सम्मानित किया.
विरोधी दलों पर साधा निशाना
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 15 अगस्त 1947 को पहली शहनाई किसने बजाई थी उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने, उनको भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में मिला. आपने उनके घर कितने सांप्रदायिकता के सूरमा देखे हैं. ये अपराधी ओर आतंकवादियों के घर पर जाते हैं. डॉ. एपीजे कलाम से ज्यादा बड़ा वैज्ञानिक इस्लाम में पैदा नहीं हुआ. हमने उनको राष्ट्रपति बनाया. यह सब विरोध में खड़े हुए थे. मैं फिर पूछना चाहता हूं कि जितने भी सांप्रदायिकता के अलंबरदार हैं डॉक्टर कलाम के नमाजे जनाजा में किसी की भी फोटो दिखाएं लेकिन बुरहान वानी, याकूब मेमन के नमाजे जनाजा में जाएंगे.
जिन्ना की तस्वीर पर कही ये बात
बीजेपी नेता ने कहा, ये मामला हिंदू मुसलमान का नहीं है मामला कट्टरवादी सोच को है, जो कि देश के अंदर अलगाव बिखराव को बढ़ाती रहती है और एएमयू के अंदर ऐसे तत्व भी सक्रिय रहते हैं तो एएमयू प्रशासन और छात्रों को ध्यान रखना चाहिए कि वह देश का एक महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय है सकारात्मक दृष्टिकोण से नजर आए. जिन्ना की फोटो के सवाल पर कहा कि जो लोग इस विषय को अपने यहां रखे हुए हैं, बेहतर होगा वह स्वयं प्रेरणा से यह कार्य करें. हम चाहते हैं कि जिन्ना की फोटो सिर्फ दीवार से नहीं बल्कि लोगों के दिलों से भी हटे.
ये भी पढ़ें- UP Politics: पश्चिमी यूपी में जयंत चौधरी को अखिलेश यादव ने दिया बड़ा झटका, सपा-रालोद में महासंग्राम?