यूपी: प्रतापगढ़ में शहीद सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में उमड़ा जनसमूह, कई बड़े नेता भी हुए शामिल
प्रतापगढ़ में शहीद सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में हज़ारों का जनसमूह उमड़ पड़ा. आज शहीद नायब सूबेदार सुधाकर सिंह का उनका पैतृक गोडे गांव में राजकीय समान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में शहीद सुधाकर सिंह के अंतिम संस्कार में हजारों का जनसमूह उमड़ पड़ा. शहीद नायब सूबेदार सुधाकर सिंह का उनका पैतृक गोडे गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, सीएम योगी के निर्देश पर सूबे के जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह भी सुबह 9 बजे हेलिकॉप्टर से प्रतापगढ़ पुलिस लाइन पहुंचे. जहां से डीएम, एसपी के साथ कार से जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह शहीद के पैतृक गांव पहुंचे और सबसे पहले शहीद के परिजनों से मुलाकात की.
इसके बाद सीएम योगी के जरिए घोषणा की गई 50 लाख रुपये का सांकेतिक चेक भी परिजनों को जलशक्ति मंत्री ने प्रदान किया. वहीं 35 लाख रुपये का चेक पत्नी को जबकि 15 लाख रुपये का चेक शहीद की मां को सौंपा गया. सूबे के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह नायब सूबेदार सुधाकर सिंह के अंतिम यात्रा में भी शामिल हुए.
नायब ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा दिया
महेंद्र सिंह नायब शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देते हुए अंत्येष्टि स्थल तक लेकर गए. सेना की मौजूदगी में सेना के जवानों ने उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया. बेटे ने अपने शहीद पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान जलशक्ति मंत्री, डीएम, एसपी ने शहीद को श्रद्धांजलि भी अर्पित की. शहीद के अंतिम विदाई में लोगों का भारी जन सैलाब भी था. हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी. भारत माता की जय और सुधाकर भैया अमर रहे के नारे भी लगते रहे. वहीं, मीडिया से बातचीत करने के दौरान जलशक्ति मंत्री की आंखें भर आईं और वो भावुक भी हुए.
शहीद के परिजनों को दी गई आर्थिक सहायता
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहीद के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता का चेक दिया गया. शहीद के परिजनों को नौकरी और गांव के सड़क का शहीद के नाम पर नामकरण होगा. चीन बॉर्डर पर 17 हजार फीट ऊंची चोटियों पर देश की रक्षा के लिए सुधाकर सिंह ने अपने प्राणों की आहूती दे दी. मैं उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. गौरतलब है कि तीन दिन पहले नायब सूबेदार सुधाकर सिंह अरुणाचल प्रदेश के चीन सीमा पर भारी बर्फबारी और ठंड के बीच शहीद हो गए थे. असम में उनकी पोस्टिंग थी जबकि वह अरुणाचल के चीन सीमा पर तैनात थे.
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