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World Environment Day 2022: जोधपुर में वन विभाग की नर्सरी में पौधों को सुनाई जा रही हनुमान चालीसा-भागवत गीता
Rajasthan News: जोधपुर के चांदपोल क्षेत्र में स्थित वन विभाग की नर्सरी में लाखों की संख्या में पौधे तैयार हो चुके हैं. रेंजर जगदीश पुरोहित ने बताया कि 1,54,000 पौधे वितरण के लिए तैयार किए गए हैं.

(पौधों को सुनाई जा रही हनुमान चालीसा-भागवत गीता)
World Environment Day 2022: देश सहित पूरे पश्चिमी राजस्थान (Rajasthan) में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर चल रहा है. गर्मी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. माना जाता है कि पेड़-पौधों की कटाई की वजह से तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है. विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के मौके पर एबीपी न्यूज़ आपको जोधपुर (Jodhpur) के एक वन विभाग के पौधों की नर्सरी के बारे में बताने जा रहा है. यहां पर पेड़-पौधों को पानी और खाद के साथ-साथ हनुमान चालीसा ,भागवत गीता ,सुंदरकांड, महामृत्युंजय मंत्र सुनाया जाता है.
इस वन विभाग की नर्सरी के रेंजर जगदीश पुरोहित ने बताया कि पौधों को संगीत अच्छा लगता है. इससे पौधे अच्छी ग्रोथ करते हैं और मुर्झाते भी नहीं है. जोधपुर के चांदपोल क्षेत्र में स्थित वन विभाग की नर्सरी में लाखों की संख्या में पौधे तैयार हो चुके हैं. रेंजर जगदीश पुरोहित ने बताया कि 1,54,000 पौधे वितरण के लिए तैयार किए गए हैं. पौधों में 40 तरह की अलग-अलग वैरायटी है. इसमें फूलदार-छांवदार-फलदार, सभी तरह के पौधे हैं. इन पौधों की क्यारियां अलग-अलग बनाई गई हैं. पौधों को पानी और खाद के साथ रोजाना सुबह हनुमान चालीसा और शाम को भागवत गीता के साथ दूसरे भजन सुनाए जाते हैं.
'बच्चों की तरह पौधों को किया जाता है तैयार'
इनका दावा है कि पौधे यह सुनते ही खिल उठते हैं और मुर्झाते नहीं हैं. इस भीषण गर्मी के बावजूद यहां पर पौधे तैयार हो चुके हैं और हरियाली चारों ओर फैली हुई है. संगीत हर किसी को अच्छा लगता है तो पौधों को भी बहुत सुकून पहुंचता है और संगीत के साथ पौधे भी जल्दी ग्रोथ करते हैं. पौधों के रख-रखाव के लिए यहां पर पप्पू देवी सरकारी कर्मचारी मौजूद है जो कि पौधों को तैयार करने और पौधारोपण करने तक की व्यवस्था देखती है. उन्होंने बताया कि खासतौर से इन पौधों को बच्चों की तरह पाल कर हम तैयार करते हैं और कहीं न कहीं हम इनको संगीत के जरिए संस्कार भी दे रहे हैं.
1962 में वनस्पतिशास्त्री ने किए थे कई प्रयोग
उन्होंने बताया जो कोई भी यहां पर पौधा लेने के लिए आता है, वह यहां का वातावरण और तापमान देखकर यहीं रुकने की कोशिश करता है. कई अध्ययनों ने संकेत दिया है कि पौधों के लिए संगीत बजाना वास्तव में तेजी से, स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है.1962 में एक भारतीय वनस्पतिशास्त्री ने संगीत और पौधों के विकास पर कई प्रयोग किए. उन्होंने पाया था कि कुछ पौधों ने संगीत के संपर्क में आने पर बायोमास में काफी अधिक वृद्धि के साथ ऊंचाई में अतिरिक्त 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी की.
संगीत पौधे के विकास को कैसे करता है प्रभावित?
जब पौधे के विकास पर संगीत के प्रभावों को समझने की बात आती है तो ऐसा प्रतीत होता है कि यह संगीत की 'ध्वनियों' के बारे में इतना अधिक नहीं है, लेकिन ध्वनि तरंगों की ओर से बनाए गए कंपन के साथ ज्यादा है. सरल शब्दों में कंपन पौधों की कोशिकाओं में गति उत्पन्न करता है, जो पौधे को अधिक पोषक तत्व उत्पन्न करने के लिए उत्तेजित करता है. अगर पौधे रॉक संगीत का अच्छा जवाब नहीं देते हैं तो ऐसा नहीं है, क्योंकि वे बेहतर शास्त्रीय पसंद करते हैं, हालांकि जोर से रॉक संगीत से निर्मित कंपन अधिक दबाव बनाते हैं. ऐसे में वह पौधे के विकास के लिए अनुकूल नहीं है.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का क्या है कहना?
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पौधे के विकास पर संगीत के प्रभावों के बारे में निष्कर्ष निकालने के लिए इतनी जल्दी नहीं किया है. वे कहते हैं कि अब तक कोई निर्णायक वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि पौधों के लिए संगीत बजाने से उन्हें बढ़ने में मदद मिलती है और प्रकाश, पानी के साथ-साथ मिट्टी की संरचना जैसे कारकों पर कठोर नियंत्रण के साथ अधिक वैज्ञानिक परीक्षणों की आवश्यकता होती है. वे सुझाव देते हैं कि संगीत के संपर्क में आने वाले पौधे पनप सकते हैं, क्योंकि वे अपने देखभालकर्ताओं से शीर्ष स्तर की देखभाल और विशेष ध्यान प्राप्त करते हैं.
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