म'अरावली को बचाने के बजाय उसे बेचने की हो रही साजिश', सरकार पर भड़के अशोक गहलोत
Save Aravalli Hills: अशोक गहलोत ने सरकार पर अरावली और सरिस्का संरक्षण क्षेत्रों में खनन को बढ़ावा देने और CEC को कठपुतली बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि CEC सिर्फ सरकारी फैसलों पर मुहर लगा रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अरावली की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सरकार अरावली को बचाने की बजाय उसे खनन माफिया के हवाले करने की योजना बना रही है. गहलोत ने बताया कि अरावली की नई '100 मीटर' परिभाषा सिर्फ एक अलग फैसला नहीं है.
गहलोत ने कहा कि इसे दो अन्य बड़े फैसलों के साथ देखा जाना चाहिए. यह साबित करते हैं कि केंद्र का असली मकसद पर्यावरण संरक्षण नहीं, बल्कि संस्थाओं पर कब्जा कर अरावली और अन्य संरक्षित क्षेत्रों में खनन को बढ़ावा देना है.
केंद्र सरकार की कठपुतली बन गई है CEC- अशोक गहलोत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 2002 में पर्यावरण संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बनी केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC) को 5 सितंबर 2023 को कमजोर कर दिया गया. पहले CEC स्वतंत्र संस्था थी और इसके सदस्यों को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी से नियुक्त किया जाता था. अब यह पर्यावरण मंत्रालय के अधीन होकर केंद्र सरकार की कठपुतली बन गई है. गहलोत ने याद दिलाया कि इसी CEC की रिपोर्ट पर 2011 में कर्नाटक के मंत्री जनार्दन रेड्डी को अवैध खनन मामले में गिरफ्तार किया गया था. अब CEC केवल सरकारी फैसलों पर मुहर लगाने का काम कर रही है.
संरक्षित क्षेत्रों में खदानों को चालू करने की कोशिश में बीजेपी- गहलोत
अशोक गहलोत ने सरिस्का टाइगर रिजर्व का उदाहरण देते हुए बताया कि केंद्र और राजस्थान की बीजेपी सरकार संरक्षित क्षेत्रों की सीमाएं बदलकर 50 से अधिक खदानों को चालू करने की कोशिश कर रही थी. सरिस्का के क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट (CTH) की सीमा बदलने के प्रस्ताव को 48 घंटे में मंजूरी दी गई. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस फैसले पर रोक लगाई और सवाल उठाया कि जो काम महीनों में होता है, वह इतनी जल्दी कैसे हो गया.
प्राकृतिक धरोहर के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा राजस्थान- गहलोत
गहलोत ने यह भी बताया कि खदान मालिकों से पैसे वसूले जाने की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) तक पहुंची. CEC के एक सदस्य ने बताया कि मंत्री भूपेन्द्र यादव व्यक्तिगत रूप से इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे थे. गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की 0.19% नई माइनिंग वाली परिभाषा पर भरोसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि असल में संरक्षित क्षेत्रों में भी सेंध लगाने की कोशिश हो रही है. उन्होंने चेतावनी दी कि राजस्थान अपनी प्राकृतिक धरोहर के साथ इस तरह के खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं करेगा.
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