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Rajasthan: वीरांगना ने देवर के लिए सरकारी नौकरी की मांग छोड़ी, अब सरकार से सामने रखी सिर्फ एक डिमांड
Pulwama Martyrs Family: वीरांगना की कहानी में अब नया मोड़ आ गया है. वीरांगना सुंदरी देवी का कहना है कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि कॉलेज का नामकरण उनके पति के नाम पर शहीद जीतराम के नाम पर किया जाए.
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Widows Of Pulwama Martyrs News: राजस्थान की गहलोत सरकार के लिए सिरदर्द बन चुकी पुलवामा के शहीदों की वीरांगनाओं में से एक सुंदरी देवी अपनी बातों से पलट गई है. उन्होंने अपने देवर के लिए सरकारी नौकरी की मांग छोड़ दी है. उन्होंने सरकार के सामने अब सिर्फ एक ही मांग रखी है कि उनके पति के नाम पर कॉलेज का नाम शहीद जीतराम होना चाहिए.
वीरांगना की कहानी में अब नया मोड़ आ गया है. वीरांगना सुंदरी देवी का कहना है कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि कॉलेज का नामकरण उनके पति के नाम पर शहीद जीतराम के नाम पर किया जाए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमें परेशान नहीं किया है, और ना ही हमें नजरबंद किया है, हम खुशी से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं.
इस मुद्दे पर गरमा गई थी सियासत
गौरतलब है कि राजधानी जयपुर में पिछले दिनों पुलवामा हमले के शहीदों की तीन वीरांगनाओं ने अपने देवरों को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था. इसकी भनक लगते ही पुलिस ने गुपचुप तरीके से इन वीरांगनाओं को देर रात उठा लिया और उनके घर पहुंचा दिया. इसके साथ ही घर पर पुलिस का पहरा लगाकर एक तरह से उन्हें नजर बंद कर दिया था. इसके बाद राज्य में इस मुद्दे पर राजनीति गरमा गई थी. बीजेपी ने इस पुलिसिया कार्रवाई को शहीदों का अपमान बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की थी.
आईजी से मिला गुर्जर समुदाय का प्रतिनिधिमंडल
इस संबंध में शहर से एक गुर्जर समुदाय का प्रतिनिधिमंडल पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव से मिला. इस दौरान ज्ञापन सौंपते हुए उनके सामने एक ही मांग रखी कि सरकारी कॉलेज का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर किया जाए. इन पंच पटेलों ने कहा कि जब से गांव सुंदरावली का जीतराम गुर्जर शहीद हुआ है, उसी दिन से हमारी सिर्फ एक ही प्रमुख मांग रही है कि नगर के महाविद्यालय का नामकरण शहीद जीतराम के नाम पर किया जाए. प्रतिनिधिमंडल ने वीरांगना के देवर को सरकारी नौकरी की मांग नहीं की है.
बीजेपी सांसद से कही थी ये बात
राजस्थान के भरतपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र के सुंदरावली गांव के रहने वाले जीतराम गुर्जर पुलवामा हमले में शहीद हो गए थे. उनकी पत्नी सुंदरी देवी कई दिनों तक जयपुर में अपने देवर को नौकरी दिलाने के लिए अन्य वीरांगनाओं के साथ आंदोलन कर रही थीं. इसके साथ ही वह भरतपुर सांसद नगर के अस्पताल जाकर भी प्रदर्शन किया था. इस दौरान सांसद से फोन पर बात करते हुए वीरांगना सुंदरी देवी ने कहा था की पुलिस के पहरे से घुटन सी महसूस होती है. पुलिस ने घेर रखा है. मुझे कोई बीमारी नहीं है, में ठीक हूं. इसके साथ ही उन्होंने सांसद को फोन पर कहा था कि हमारी दो मांगे हैं. एक यह है कि कॉलेज का नाम शहीद जीतराम के नाम होना चाहिए और दूसरा देवर को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.
अब ये बोलीं वीरांगना
सांसद से फोन पर बात करते हुए कल तक जो वीरांगना सरकार पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रही थी और अपने देवर को सरकारी नौकरी की मांग कर रही थी. अचानक उसकी मांग में परिवर्तन आया है, और नौकरी की मांग को छोड़कर उसका कहना है कि सिर्फ कॉलेज का नामकरण शहीद के नाम पर कर दिया जाए. इसके साथ ही वह पुलिस पर लगाए गए सभी आरोप से भी पलट गई हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमें परेशान नहीं किया और न ही हमें नजरबंद किया है. हम खुशी से रह रहे हैं और अपने घर का सारा काम भी कर रहे हैं.
आईजी ने मांग को आला अफसरों को भेजा
इस पूरे मामले पर भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक गौरव श्रीवास्तव ने बताया है कि नगर क्षेत्र के सुंदरावली गांव के शहीद जीतराम के परिवार के सदस्य और कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधि मंडल के साथ मुझसे और पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह से मिले है. इन लोगों की शहीद जीतराम की शहादत के सम्बन्ध में जो कुछ मांग थी. उस सम्बन्ध में उन्होंने ज्ञापन दिया है. इसमें उन्होंने स्थानीय सरकारी कॉलेज का नामकरण शहीद जीतराम के नाम करने की मांग की है, जिसे हमने उचित माध्यम से सीनियर ऑफिसर को भिजवा दिया है, ताकि उस पर अग्रिम कार्रवाई हो सके.
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