करीब 150 दिनों से शव के इंतजार में हितेंद्र का परिवार, राजस्थान हाई कोर्ट ने रूसी संघ दूतावास के वरिष्ठ काउंसलर से जवाब तलब किया
रूस में एक हादसे में जान गंवाने वाले उदयपुर जिले के हितेंद्र गरासिया की पत्नी ने पति के पार्थिव शरीर के लिए राजस्थान हाई काेर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

Udaipur News : रूस में जान गंवाने वाले उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के हितेंद्र गरासिया के शव को रूस की सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए भारत भेजने से मना कर दिया है. लगभग 150 दिन से हितेंद्र के आखिरी दर्शन और अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे परिवार के लिए दुख दोगुना हो गया है. रूस में एक हादसे में अपने पति की मौत के बाद चार माह से अपने मृतक पति के अंतिम दर्शन की आशा में उदयपुर के आदिवासी गांव गोड़वा इलाके में रहने वाली पत्नी आशा ने राजस्थान उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर पति के शव को भारत लाने की गुहार लगाई है.
रूसी संघ दूतावास से मांग जवाब
जिस पर हाई कोर्ट ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए रूसी संघ दूतावास के वरिष्ठ काउंसलर से जवाब तलब किया है. हाई कोर्ट ने जवाब मांगते हुए कहा कि रूसी संघ दूतावास के वरिष्ठ काउंसलर या रूसी संघ की सरकार को रिट जारी करने की अपनी सीमाओं से बेखबर नहीं है, लेकिन अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए और उठाए जाने वाले कदमों का समन्वय करने के लिए नोटिस जारी करना उचित है.
राजस्थान हाई कोर्ट ने रूस में एक हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति का पार्थिव शरीर स्वदेश नहीं भेजने के मामले में अब भारत में रूसी संघ दूतावास के वरिष्ठ काउंसलर (काउंसलर डिवीजन) को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने रजिस्ट्रार (न्यायिक) को निर्देश दिया है कि रूसी संघ दूतावास के आधिकारिक ईमेल पर यह नोटिस भेजें.
मृतक की पत्नी आशा और उसके बच्चों ने मृतक का शव भारत लाने को लेकर याचिका दाखिल की थी, जिसकी पूर्व में सुनवाई करते हुए संवेदनशीलता दिखाते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए थे. न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकल पीठ में केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राज दीपक रस्तोगी ने कोर्ट को बताया कि मृतक हितेंद्र कुमार गरासिया के पार्थिव शरीर को भारत लाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
उनके पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार रूसी संघ के अधिकारी एफएसएल रिपोर्ट लंबित होने के चलते शव को नहीं सौंप रहे हैं. एकल पीठ ने कहा कि हितेंद्र कुमार का निधन 17 जुलाई को हो गया था. कोर्ट को लगता है कि इस संबंध में रूसी संघ की सरकार से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का अनुरोध किया जाना चाहिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुनील पुरोहित कोर्ट में पक्ष रखा की.
इसे भी पढ़ें :
Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षकों के लिए खुशखबरी, गहलोत सरकार ने उठाया ये कदम
Source: IOCL
























