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Rajasthan News: कांग्रेस MLA गिर्राज सिंह मलिंगा ने किया सरेंडर, डिस्कॉम के दफ्तर में घुसकर AEN से मारपीट का है आरोप
मारपीट मामले में आरोपी कांग्रेस विधायक मलिंगा ने सरेंडर कर दिया है. मलिंगा ने जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट में सरेंडर किया था. जिसके बाद उन्हें धौलपुर भेज दिया गया हैं.
धौलपुर: राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह दोषी को बचाते नहीं है चाहे वह उनका अपना या करीबी क्यों ना हो. प्रदेश में कानून का राज सर्वोपरि है. दरअसल धौलपुर बाड़ी में 28 मार्च को ऑफिस में कांग्रेस विधायक ने साथियों के साथ मिलकर विद्युत विभाग के कार्यलय में जाकर एईएन हर्षादीपति वाल्मीकि पर जानलेवा हमला किया था. इस मामले के बाद विपक्ष लगातार कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी की मांग व कर्मचारियों के द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा था. वहीं एईएन हर्षादीपति वाल्मीकि पर जानलेवा हमला करने के मामले में बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने बुधवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.
मुख्यमंत्री से मिलने के बाद विधायक गिर्राज ने किया सरेंडर
विधायक के सरेंडर करने के बाद उन्हें पुलिस की गाड़ी में बैठा धौलपुर रवाना कर दिया गयाय मलिंगा को जांच अधिकारी को सुपुर्द कर दिया गया है. मलिंगा के सरेंडर के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा मिलने पहुंचे थे. गुढ़ा का कहना है कि विधायक मलिंगा निर्दोष है और उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है. वहीं विधायक मलिंगा बुधवार सुबह सीएम अशोक गहलोत से भी मिलने गए थे. यहां अधिकारियों ने कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को भी बुलाया. कुछ देर बाद विधायक मलिंगा ने सरेंडर कर दिया. कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे मुख्यमंत्री कार्यलय गए थे जहां पर विधायक द्वारा सरेंडर करने की जानकारी दी गई. करीब दो बजे विधायक ने सरेंडर किया. बता दें कि मलिंगा पर बिजली दफ्तर में घुसकर मारपीट का आरोप है.
विधायक मलिंगा को जयपुर कमिश्नरेट की पुलिस ने सीएमओ से गिरफ्तार किया
विधायक मलिंगा को जयपुर कमिश्नरेट की पुलिस ने सीएमओ से गिरफ्तार किया है. सीएमओ से गिरफ्तारी का यह संभवतः पहला मामला है। दरअसल बुधवार को सीएम अशोक गहलोत व पुलिस की सीएमओ में बैठकर वीसी से समीक्षा बैठक ले रहे थे। इस से पहले डीजीपी एमएल लाटर व एडीजी क्राइम रवि प्रकाश मेहरड़ा ने सीएम को जानकारी दी थी कि मलिंगा के खिलाफ जानलेवा हमले के ठोस सबूत है. इसके बाद ही विधायक ने सोएमओ में सरेंडर किया.
मामले की जांच सीआईडी सीबी कर रही है
सुबह 11 बजे के करीब मलिंगा सीएमओ में राज्यमंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के साथ पहुंचे। जहां पर सीएम ने डीजीपी को पूछा कि केस बनता है क्या? इसका जवाब मिलने के बाद गहलोत ने गिरफ्तार करने के लिए कह दिया. उस दौरान वहां सीएम सेक्रेटरी कुलदीप रांका, एसीएस होम अभय कुमार भी मौजूद थे. आदेश मिलने पर समीक्षा बैठक के दौरान दो घंटे मलिंगा को सीएमओ में ही बैठाकर रखा गया. इसके बाद पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को सीएमओ बुलाया गया और मलिंगा को ले जाने के निर्देश दिए गए. कमिश्नर मलिंगा को कमिश्नरेट ले गए. वहीं इस मामले की जांच सीआईडी सीबी कर रही है, ऐसे में पुलिस मलिंगा को गिरफ्तार कर धौलपुर ले गई.
मलिंगा ने खुद पर लगे आरोपों को बताया निराधार
वहीं मलिंगा ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा कि पार्टियों के नेता बयानबाजी कर रहे हैं. कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर थे इसलिए सरेंडर कर रहा हूं. मलिंगा ने आगे कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. उन्होंने आगे बताया कि रात करीब 10 बजे फोन आया था कि जयपुर बुलाया है. सुबह मुख्यमंत्री ने जांच में सहयोग करने और सरेंडर करने को कहा तो मैं यहां से कमिश्नरेट आ गया. बता दें कि मलिंगा के खिलाफ आर्म्स व एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज है. उन पर 28 मार्च को धौलपुर के बाड़ी स्थित डिस्कॉम ऑफिस में जाकर एईएन दीपति वाल्मीकि सहित कई कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का आरोप है. एईएन ने विधायक व अन्य लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा, मारपीट, आर्म्स व एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया था.
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रंगनाथ सिंहवरिष्ठ पत्रकार
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