भजनलाल सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों ने के लिए उठाया बड़ा कदम, कैबिनेट बैठक में हुआ ये फैसला
Rajasthan Cabinet Meeting: राजस्थान सरकार की कैबिनेट बैठक में नया विभाग गठित किए जाने के साथ ही ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी 2025 को भी मंजूरी दी गई.

राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में प्रवासी राजस्थानियों के लिए अलग से एक विभाग गठित किए जाने का फैसला किया है. यह नया विभाग प्रवासी राजस्थानियों और राज्य सरकार के बीच आपसी संवाद और सहयोग में अहम भूमिका निभाने का काम करेगा.
राजस्थान सरकार की कैबिनेट की बुधवार (19 नवंबर) हुई बैठक में नया विभाग गठित किए जाने के साथ ही ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी 2025 को भी मंजूरी दी गई. इसके साथ ही कई अन्य अहम फैसले भी हुए. बैठक के बाद डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा, कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और कैबिनेट मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मीडिया ब्रीफिंग कर फैसलों के बारे में जानकारी दी.
कैबिनेट की बैठक में 'राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी राजस्थानी मामले विभाग' के गठन को मंजूरी मिली. यह विभाग प्रवासी राजस्थानियों और राज्य सरकार के बीच संवाद और सहयोग को मजबूत करेगा तथा वैश्विक स्तर पर ब्रांड राजस्थान को बढ़ावा देगा. विभाग प्रवासी राजस्थानी दिवस, सम्मान समारोह और एक्सचेंज प्रोग्राम भी आयोजित करेगा.
राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 को भी मंजूरी
बैठक में राजस्थान ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पॉलिसी-2025 को भी मंजूरी दी गई. इसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक 200 से अधिक GCC स्थापित करना, 1.5 लाख रोजगार सृजित करना और राजस्थान को मल्टीनेशनल कंपनियों का ग्लोबल एक्सीलेंस हब बनाना है. इस पॉलिसी के तहत पूंजी निवेश सब्सिडी, वेतन सब्सिडी, रेंटल असिस्टेंस, प्रशिक्षण लागत की प्रतिपूर्ति और ग्रीन इंसेंटिव जैसे लाभ दिए जाएंगे.
कैबिनेट ने आरवीयूएनएल और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के बीच ज्वाइंट वेंचर कंपनी गठन को भी मंजूरी दी है. यह जेवी 9600 करोड़ की लागत से 800 मेगावाट की कोयला आधारित परियोजना और 6000 करोड़ की लागत से 1500 मेगावाट की सौर परियोजनाएं स्थापित करेगा. कुल 15,600 करोड़ की इन परियोजनाओं से राज्य में ऊर्जा क्षमता का बड़ा विस्तार होगा.
दो सरकारी महाविद्यालयों का नामकरण भी स्वीकृत
कैबिनेट ने दानदाताओं के सम्मान में सिरोही और कैलाश नगर के दो सरकारी महाविद्यालयों का नामकरण भी स्वीकृत किया. इसके अलावा बीकानेर, चित्तौड़गढ़ और बाड़मेर जिले में सौर और पावरग्रिड परियोजनाओं के लिए कुल 588 हैक्टेयर से अधिक भूमि आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया. इन फैसलों से अक्षय ऊर्जा उत्पादन और ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूती मिलेगी.
Source: IOCL





















