(Source: ECI / CVoter)
Jalore Child Death Case: दलित बच्चे की मौत पर सियासत शुरू, बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने सरकार को बताया संवेदनहीन
मदन दिलावर ने कहा कि सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के अध्यापक ने एक छोटे बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी और यह सरकार संवेदनहीन है.
Jalore Child Death Case: जालोर के सुराणा गांव में टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत के मामले को लेकर विपक्ष लगातार गहलोत सरकार पर हमलावर है. वहीं अब बीजेपी के प्रदेश महामंत्री और रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलो है. दिलावर के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष व केशवराय पाटन विधायक चन्द्रकांता मेघवाल ने कांग्रेस सरकार पर वार किया है.
मदन दिलावर ने कहा, "सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के अध्यापक ने एक छोटे बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी और यह सरकार संवेदनहीन है. यानी सरकार अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है. अनुसूचित जाति के छोटे बच्चे की हत्या हुई है वो छोटी क्लास में पढ़ता था. लेकिन इनके कानों में जूं तक नहीं रेंगी है. ये कह रहे है आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी को गिरफ्तार होना ही था, सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया है." वहीं चन्द्रकांता मेघवाल ने पीडित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता व एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
'कांग्रेस सरकार ने पकड़ा दिया झुनझुना'
मदन दिलावर ने आगे कहा, "सरकार ने पीड़ित परिवार को कोई विशेष राहत नहीं दी. 8 लाख 25 हजार तो मेट्रो सिटी में किसी का मर्डर हो जाता है, तो मिलता ही है. 5 लाख चिरंजीव योजना में मिलता है. 13 लाख 25 हजार तो वैसे भी होते हैं. प्रदेश सरकार ने कुछ नहीं दिया, केवल पीड़ित परिवार को झुनझुना पकड़ा दिया. गरीब परिवार को जानकारी नहीं इसलिए बेवकूफ बना रहे हैं. अगर कोई बड़े आदमी का बेटा मरता है, या किसी हस्ती के साथ ये घटना होती तो शायद 25-50 लाख तक दे देते लेकिन वह गरीब का बेटा, अनुसूचित जाति का बेटा है. उसकी हत्या हुई है इसलिए सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया." उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों से कहना चाहता हूं ये कांग्रेस हमारी दुश्मन है और हमारी हत्या करवाने के बावजूद भी हमारा मजाक बनाती है.
'आजादी के 75 साल बाद भी दलित वर्ग असुरक्षित'
वहीं चन्द्रकांता मेघवाल ने कहा कि देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है और दूसरी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के राज में दलित अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है. उन्होंने कहा कि 23 दिन तक पीड़ित परिवार प्रभावशाली लोगों के कारण मुकदमा तक दर्ज नहीं करवा सका. मेघवाल ने कहा कि केवल मटकी से पानी पीने की इतनी बड़ी सजा घौर निंदनीय है.
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