PM Modi Rajasthan Visit: राजस्थान से गुजरात तक, 'प्लान 99' पर काम कर रही BJP, पीएम मोदी का ये है विजन
पीएम नरेंद्र मोदी 3 राज्यों की 99 एसटी रिर्जव सीटों को साधेंगे. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की सीमा गुजरात और एमपी से लगती है. गुजरात और एमपी में आदिवासी समाज में भील समाज सबसे ज्यादा है.
PM Modi Rajasthan Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम गए. मानगढ़ आदिवासियों का प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है. यहां एक समारहो में राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासी मौजूद रहेंगे. बीजेपी इस जनसभा और सम्मेलन के माध्यम से 99 आदिवासी सीटों पर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रही है. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले की सीमा गुजरात और एमपी से लगती है. गुजरात और एमपी में आदिवासी समाज में भील समाज का चंक सबसे ज्यादा है.
गौरतलब है कि राजस्थान और एमपी में अगले साल विधानसभा चुनाव है. वहीं, इस साल गुजरात में चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए पीएम मोदी के आगगन पर बीजेपी ने ताकत झोंक दी है. पीएम बांसवाड़ा में जनता को संबोधित करने आ रहे हैं. माना जा रहा है कि पीएम के इस दौरे के बाद से चुनाव की तैयारियां भी शुरू होने वाली हैं. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने इस कार्यक्रम की तैयारियां की हैं. यानी बीजेपी ने इस बार राजस्थान चुनाव के एक साल पहले से ही जीत की तैयारी शुरू कर दी है.
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यह है तीन राज्यों में आदिवासी सीटों का समीकरण
दरअसल, राजस्थान में आदिवासियों के लिए 25 सीटें रिजर्व हैं. वहीं, एमपी में एसटी के लिए 47 सीटें और गुजरात में 27 सीटें आरक्षित हैं. वहीं, आंकड़े कहते हैं कि आदिवासी सीटों पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी ही अमूमन सत्ता तक पहुंचती है. 2018 के राजस्थान चुनाव के नतीजे इस बात का सबूत हैं. एमपी में भी 2018 के चुनाव में बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस ने ज्यादा एसटी सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसी के साथ 15 साल से सत्ता की कमान संभाल रही बीजेपी को कांग्रेस ने हरा दिया था.
भील समाज का गणित समझिए
- देश में 10 करोड़ से ज्यादा आबादी आदिवासी समाज की है.
- जो देश की आबादी का करीब 9 फीसदी है.
- आदिवासी समाज में सबसे ज्यादा आबादी भील समाज है.
- देश में 1.71 करोड़ लोग भील समाज से है.
- जो कि कुल आदिवासी आबादी का 16 फीसदी है.
- भील गुजरात, राजस्थान, एमपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश और त्रिपुरा में अच्छी खासी तादाद में रहते हैं.
गुजरात में भील आबादी
- गुजरात की 27 सीटे एसटी समाज के लिए रिजर्व हैं.
- गुजरात की कुल आबादी में एसटी आबादी 89.17 लाख है.
- जो कि गुजरात की कुल आबादी का करीब 15 फीसदी है.
- इसमें सबसे ज्यादा 42.15 लाख लोग भील समाज से है.
- गुजरात में एसटी आबादी में करीब 47 फीसदी है.
- यानि की करीब हर दो आदिवासी में से एक भील है.
मध्य प्रदेश में भील आबादी
- मध्य प्रदेश की 47 सीटे एसटी समाज के लिए रिजर्व हैं.
- एमपी की कुल आबादी में एसटी आबादी 1.53 करोड़ है.
- जो कि एमपी की कुल आबादी का 21.1 फीसदी है.
- इसमें सबसे ज्यादा करीब 60 लाख आबादी भील समाज की है.
- यानि की आदिवासी समाज में करीब 39 फीसदी भील है.
- यानि की हर तीन आदिवासी में से एक भील है.
राजस्थान में भील आबादी
- राजस्थान की 25 सीटें एसटी समाज के लिए रिजर्व हैं.
- राज्य की कुल आबादी में 92.38 लाख लोग एसटी है.
- जो राजस्थान की आबादी का 13.5 फीसदी है.
- इसमें 41 लाख भील समाज से हैं.
- जो कुल आदिवासी आबादी का 44 फीसदी है.
- राजस्थान में मीणा के बाद सबसे ज्यादा आदिवासियों में भील समाज की आबादी है.
राजस्थान में सीएम फेस के लिए सर्वे करेगी बीजेपी
इससे पहले अलवर जिले में कानून व्यवस्था के विरोध में आम जनसभा के नाम पर बीजेपी ने चुनावी प्रदर्शन शुरू किया था. वहीं, सीकर में किसान सम्मेलन के नाम पर हजारों कार्यकर्ता इकट्ठा हुए थे. दोनों कार्यक्रमों के मुख्य सूत्रधार सतीश पुनिया ही थे. अब बांसवाड़ा के इस कार्यक्रम में केंद्रीय नेतृत्व पार्टी के सभी नेताओं को एक मंच पर लाकर पार्टी की एकजुटता साबित करना चाहता है. सभा में ऐसा होगा भी, लेकिन इस दिन से केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान में सीएम फेस का सर्वे भी शुरू कर देगा.
बांसवाड़ा में सभा को संबोधित कर पीएम आदिवासीय वोट बैंक को साधने का काम करेंगे. आदिवासियों में आज भी वसुंधरा राजे की पकड़ मजबूत है. यही देखते हुए बीजेपी ने इस बार पूरे कार्यक्रम की कमान राजे को ही संभालने को दी है. हालांकि, 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटबैंक ने वसुंधरा राजे का साथ नहीं दिया, लेकिन अब केंद्रीय नेतृत्व इस एक साल में वसुंधरा राजे के जरिए आदिवासी वोट बैंक को साधने का काम करेगी.
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