कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा ने RPSC से दिया था इस्तीफा, अब राज्यपाल ने लिया ये बड़ा फैसला
Rajasthan News: कुमार विश्वास की पत्नी मंजू शर्मा ने सितंबर को आरपीएससी के मेंबर के पद से इस्तीफा दे दिया था. अब दो हफ्तों के बाद राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है.

मशहूर कवि और कथावाचक कुमार विश्वास की पत्नी डॉक्टर मंजू शर्मा का आरपीएससी सदस्य के पद से दिया इस्तीफा मंजूर हो गया है. मंजू शर्मा ने 1 सितंबर को राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन के सदस्य पद से रिजाइन कर दिया था.
वहीं सोमवार (15 सितंबर) को राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने दो हफ्ते के बाद उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इस्तीफे पर फैसला लेने से पहले गवर्नर बागड़े ने प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार से भी राय ली थी.
खाली हुए पांच पद
वहीं मंजू शर्मा के रिजाइन करने के बाद राजस्थान पब्लिक सर्विस कमीशन में अब सदस्यों के 10 में से पांच पद खाली हो गए हैं. जबकि एक सदस्य सस्पेंड चल रहे हैं.
इसलिए दिया था इस्तीफा
बता दें कि मंजू शर्मा ने अपने इस्तीफे का कारण एसआई भर्ती प्रक्रिया से जुड़े विवाद के कारण अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा प्रभावित होने को बताया था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, "मैंने अपना कार्यकारी और निजी जीवन पूरी पारदर्शिता व ईमानदारी से जिया है, लेकिन हाल ही में एक भर्ती प्रक्रिया से जुड़े विवाद के कारण मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा प्रभावित हुई है."
उन्होंने आगे लिखा, "मेरे खिलाफ कोई जांच लंबित नहीं है, न ही मुझे किसी प्रकरण में अभियुक्त माना गया है. फिर भी, सार्वजनिक जीवन में शुचिता और आयोग की निष्पक्षता को सर्वोपरि मानते हुए मैं स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे रही हूं."
बता दें कि मंजू शर्मा का नाम 2023 में आरपीएससी की ईओ भर्ती परीक्षा में रिश्वतकांड के आरोपों के बाद सुर्खियों में आया था. शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि कांग्रेस नेता गोपाल केसावत ने उनके नाम पर रिश्वत मांगी थी. हालांकि, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जुलाई 2024 में उन्हें और सहयोगी सदस्य संगीता आर्य को इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी.
अशोक गहलोत सरकार में बनाया गया था सदस्य
गौरतलब है कि राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंजू शर्मा को 2020 में आरपीएससी सदस्य नियुक्त किया गया था. वहीं उनके इस्तीफे की खबर से राजस्थान के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई थी.
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