जयपुर में ड्रोन के जरिए कृत्रिम बारिश, जमवा रामगढ़ में किया गया परीक्षण, देखने के लिए उमड़ी भीड़
Jaipur Artificial Rain Test: जयपुर में किया गया ये कृत्रिम बारिश का परीक्षण सफल नहीं हो पाया है. पहले 3 घंटे ड्रोन उड़ान ही नहीं भर सका और उसके बाद 10 फीट की ऊंचाई पर जाते ही सूखे ताल में गिर गया.

जयपुर में ड्रोन के जरिए कृत्रिम बारिश का परीक्षण किया गया है. ड्रोन के जरिए बड़े इलाके में पहली बार कृत्रिम बारिश का टेस्ट हुआ. जयपुर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर जमवा रामगढ़ में ये परीक्षण किया गया.. राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी मौजूद रहे..
हालांकि जयपुर में किया गया ये कृत्रिम बारिश का परीक्षण सफल नहीं हो पाया है. पहले 3 घंटे ड्रोन उड़ान ही नहीं भर सका और उसके बाद 10 फीट की ऊंचाई पर जाते ही सूखे ताल में गिर गया.
देश में ड्रोन के जरिए सीमित जगह पर AI तकनीक से होने वाली आर्टिफिशियल रेन के परीक्षण को देखने के लिए जयपुर के रामगढ़ ताल पर 25 से 30 हजार लोग मौजूद थे. लोगों की जबरदस्त भीड़ के चलते वहां ऐसी व्यवस्था फैली कि सब कुछ बेकाबू हो गया. पुलिस को कई बार बल प्रयोग करना पड़ा.
कंपनी ने बताया क्यों असफल हुआ परीक्षण?
देश में इससे पहले जहां भी कृत्रिम बारिश कराई गई वह सभी प्लेन से बादलों पर केमिकल का छिड़काव करा कर की जाती थी. ड्रोन के जरिए भी कुछ जगहों पर आर्टिफिशियल रेन कराई गई थी, लेकिन वह बड़े इलाकों में होती थी. सीमित इलाके में ड्रोन और एआई तकनीक से देश में पहली बार आर्टिफिशियल रेन का परीक्षण होना था, लेकिन यह परीक्षण बदइंतजामी और अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया. कंपनी के लोगों का दावा है कि भारी भीड़ की वजह से पैदा हुई अव्यवस्था और सिग्नल में दिक्कत के चलते आज का परीक्षण सफल नहीं हो सका.
मायूस लौटे लोग
परीक्षण असफल होने से वहां मौजूद लोग मायूस होकर वापस लौटे. आज जयपुर में तापमान काफी ज्यादा था और जबरदस्त उमस थी. उमस भरी गर्मी में लोग परेशान हो गए. राजस्थान सरकार का कृषि विभाग कृत्रिम बारिश के परीक्षण का आयोजन करा रहा था. राज्य के कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा खुद परीक्षण स्थल पर मौजूद थे. कई विधायक व दूसरे वीआईपी अपने परिवार संग इस परीक्षण को देखने के लिए आए हुए थे.
'नए सिरे से होगा परीक्षण'
कृषि मंत्री ने इस मौके पर कहा कि रामगढ़ ताल को कृत्रिम बारिश के जरिए भरे जाने का प्रयोग सफल होने पर राज्य में तमाम दूसरी जगह पर भी आर्टिफिशियल रेन कराई जाएगी. परीक्षण से पहले बाकायदा वैदिक ब्राह्मणों से पूजा अर्चना भी कराई गई थी. सरकार अब जल्द ही नए सिरे से परीक्षण की योजना तैयार करेगी.
घंटों ट्रैफिक जाम
भीड़ की वजह से परीक्षण स्थल के दो किलोमीटर के दायरे में घंटों ट्रैफिक जाम रहा. कृषि मंत्रालय और स्थानीय विधायक समेत तमाम जनप्रतिनिधियों ने लोगों से परीक्षण स्थल पर आकर इसे देखने की अपील भी जारी की थी. पतला पहाड़ी रास्ता होने के बावजूद न तो वाहनों को पार्किंग करने का कोई इंतजाम था और ना ही भीड़ को नियंत्रित करने का.
Source: IOCL























