राजस्थान: जयपुर के VIP इलाके में लेपर्ड के खौफ से लोग खुद बने पहरेदार, रात भर होती है गश्त
Rajasthan News: जयपुर के सिविल लाइंस जैसे वीआईपी इलाके में लेपर्ड की बढ़ती मूवमेंट से लोग दहशत में हैं. वन विभाग की गैरमौजूदगी से नाराज लोग अब खुद टोलियां बनाकर रात में गश्त कर रहे हैं.

राजस्थान की राजधानी जयपुर इन दिनों लेपर्ड की मूवमेंट की वजह से लगातार चर्चा में है. शहर के सबसे पॉश और सुरक्षित माने जाने वाले इलाके सिविल लाइंस में लेपर्ड के घूमने और दो दिन पहले पकड़ में आने के बाद यहां के लोग दहशत में हैं. यह वही इलाका है जहां सीएम, गवर्नर, कई मंत्री और बड़े अफसर रहते हैं. इसके बावजूद यहां पुलिस और वन विभाग की गश्त बिल्कुल नदारद है, जिससे लोगों में भारी नाराजगी है.
इलाके में रहने वाले लोगों ने खुले तौर पर सरकारी अमले पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि लेपर्ड पकड़े जाने के बाद भी पूरे इलाके में ना तो पुलिस गश्त कर रही है और ना ही वन विभाग सक्रिय है. मजबूरी में अब लोग खुद टोलियां बनाकर रात पड़ते ही गश्त करने निकल रहे हैं. हाथों में मोबाइल की फ्लैशलाइट, टॉर्च और लाठी लेकर लोग गलियों और रास्तों पर खुद ही पहरा दे रहे हैं ताकि किसी भी खतरे को टाला जा सके.
बच्चों और महिलाओं की आवाजाही कम
रात-दिन की चिंता देखते हुए लोगों ने सोशल मीडिया पर वॉर्निंग और अलर्ट देने के लिए ग्रुप भी बना लिया है. लेपर्ड कहीं दिखाई दे जाए तो तुरंत सभी को सूचना पहुंचाई जाती है.
सुरक्षा के डर से बच्चों को घर से अकेले बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है. महिलाओं ने सुबह मंदिर जाना बंद कर दिया है, वहीं पुरुष मॉर्निंग और इवनिंग वॉक या तो टाल रहे हैं या फिर ग्रुप में ही बाहर निकल रहे हैं.
इलाके के लोगों का कहना है कि यह घटना खुद सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है. जब राज्य के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में लेपर्ड घुस सकता है और उसके बाद भी पुलिस-वन विभाग कोई सक्रिय कार्रवाई नहीं कर रहे, तो बाकी इलाकों की सुरक्षा कैसी होगी? स्थानीय लोग कह रहे हैं कि सरकार और प्रशासन की उदासी ने उन्हें मजबूर कर दिया है कि वे खुद पहरेदार बनें.
‘सरकार कुछ नहीं कर सकती’- मंत्री
इस बीच सिविल लाइंस में ही रहने वाले राज्य के कैबिनेट मंत्री मदन दिलावर का बयान आग में घी डालने जैसा साबित हुआ. उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार कुछ नहीं कर सकती.
लेपर्ड की मूवमेंट पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने उल्टा जनता को उपदेश देते हुए कहा कि जब इंसानों ने जानवरों के इलाके में दखल किया है तो जानवर भी आबादी में आएंगे, इसमें कुछ नहीं किया जा सकता.
उनकी इस टिप्पणी से लोग और भड़क गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जनता की सुरक्षा करना सरकार का फर्ज है, वह कोई एहसान नहीं कर रही. ऐसे संवेदनशील इलाके में सुरक्षा ड्रिल और निगरानी बढ़ाने की जरूरत है, न कि सवालों से बचने की.
रात में गश्त बढ़ाने की मांग
लोग चाहते हैं कि रात में पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम इलाके में लगातार गश्त करे, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएं और रात के समय सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाई जाए. फिलहाल सरकारी कार्रवाई के इंतजार में लोग खुद ही चौकीदार बनकर अपने परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रहे हैं.
Source: IOCL






















