भरतपुर में 41 डिग्री के पार पहुंचा तापमान, मौसम विभाग ने जारी किया हीटवेव का अलर्ट
Bharatpur Heatwave: राजस्थान के भरतपुर में तापमान 41 डिग्री पार पहुंच गया. धूप से बचने के लिए लोगों को कई जतन करने पड़ रहे हैं. हालांकि आने वाले दिनों में बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है.

Rajasthan Weather News: राजस्थान में भी गर्मी ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. पूर्वी राजस्थान का द्वार कहा जाने वाले भरतपुर में तापमान 41 पार हो गया है. दिन और रात के तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार 11 अप्रैल से प्रदेश में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से बारिश की होने की संभावना है. तब कुछ गर्मी से लोगों को राहत मिलने और तापमान में गिरावट होने की सम्भावना है.
पिछले दो दिन से तेज धूप होने के कारण जो रोजमर्रा की कामों के लिए निकल रहे थे उनको अब काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सडके भी सुनसान नजर आने लगी है लोग जो है अपने आप को तौलिया गमछा रुमाल से शरीर को ढक कर जरूरी कार्य के लिए निकल रहे है. गर्मी लगने पर लोग तरल पेय पढ़ार्थो का सहारा लेते नजर आ रहे है. लोगों का कहना है की दो दिनों से तापमान बढ़ रहा है भीषण गर्मी पड़ रही है तो आगामी दिनों में और भी तेज गर्मी के तेबर देखने को मिल सकते है.
राजस्थान मौसम अपडेट: 9 अप्रैल pic.twitter.com/UtuVPSgWF8
— मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर (@IMDJaipur) April 9, 2025
पशु - पक्षियों के लिए ज्यादा परेशानी
गर्मी से इंसान ही नहीं पशु - पक्षियों को भी भरी परेशानी का सामना करना पड़ता है. प्रदेश में गर्मी और संभावित लू-प्रकोप से गौ शालाओं में रहने वाले गोवंश के लिए मूलभूत आवश्यकताओं की व्यवस्थाओं और गोवंश को स्वस्थ रखने व गोवंश को स्वस्थ रखने के लिए पशुपालन विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है.
'पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए'
बताया गया है कि गोवंश को धूप एवं ताप / लू से बचाने के लिए गौशाला संचालक गोवंश के लिए पर्याप्त छाया की व्यवस्था करें और शेड को गर्म हवाओं से बचाने के लिए तिरपाल अथवा टाट /बोरे से ढकें. गोवंश के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा, भूसा एवं पशु आहार की व्यवस्था करें. गोवंश को दिन में कम से कम चार बार ठंडा, शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए. बीमार गौवंशों की पशु चिकित्सा कर्मियों की देखरेख में उपचार की व्यवस्था की जाए.
पशुपालन विभाग ने क्या कहा?
संयुक्त निदेशक डॉ. खुशीराम मीणा ने बताया कि पशुओं को छायादार स्थान पर रखें. दिन में चार बार ठंडा पानी पिलायें सूखे चारे के साथ हरा चारा भी पशुओं को खिलाएं. गौशाला में संधारित गर्भवती एवं असहाय गोवंश की विशेष देखभाल करें और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत चिकित्सकीय उपचार की व्यवस्था करें. गौशाला में आगजनी से गोवंश के बचाव के लिए समुचित व्यवस्था की जाए.
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Source: IOCL






















