पंजाब सरकार ने 'जहरीली' कोल्ड्रिफ सिरप पर लगाया बैन, आदेश जारी
Coldriff Cough Syrup: कोल्ड्रिप कफ सिरफ विवादों में है. महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, यूपी और झारखंड में भी इस कफ सिरप को बैन किया जा चुका है.

पंजाब सरकार ने मध्य प्रदेश में कथित तौर पर मिलावटी दवा के सेवन से 14 बच्चों की मौत के मद्देनजर ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. पंजाब सरकार के खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफडीए) द्वारा सोमवार (6 अक्टूबर) को जारी आदेश में कहा गया कि कार्यालय के संज्ञान में आया है कि सरकारी विश्लेषक, औषध परीक्षण प्रयोगशाला और एफडीए, मध्य प्रदेश द्वारा ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप को ‘‘मानक गुणवत्ता का नहीं’’ घोषित किया गया है.’’
दवा का बैच नंबर एसआर-13 है, जिसका निर्माण श्रीसन फार्मास्युटिकल, बैंगलोर हाईवे, सुंगुवरचत्रम (मथुरा), कांचीपुरम जिला, तमिलनाडु द्वारा किया गया है. आदेश में कहा गया है, ‘‘उपर्युक्त दवा के निर्माण में मिलावट पाई गई है, क्योंकि इसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (46.28 प्रतिशत डब्ल्यू/वी) है, जो इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बनाता है.’’
जनहित में तत्काल प्रभाव से पंजाब में बिक्री प्रतिबंधित- आदेश
पंजाब एफडीए के आदेश में कहा गया है, ‘‘उक्त उत्पाद को मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में हाल में हुई बच्चों की मौत से जुड़ा पाया गया है, इसलिए मामले की गंभीरता को देखते हुए उपर्युक्त उत्पाद को जनहित में तत्काल प्रभाव से पंजाब राज्य में बिक्री, वितरण और उपयोग के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाता है.’’
आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी खुदरा विक्रेता, वितरक, पंजाब में पंजीकृत चिकित्सक, अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा संस्थान आदि उक्त उत्पाद की खरीद, बिक्री या उपयोग नहीं करेंगे.
आदेश में कहा गया है कि अगर राज्य में दवा का कोई भंडार उपलब्ध है, तो इसकी जानकारी एफडीए (औषध शाखा) को प्रदान की जा सकती है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पिछले एक महीने में गुर्दों के काम करना बंद करने के कारण बच्चों की मौत की खबरें आईं.
तमिलनाडु में निर्मित कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) नामक एक अत्यधिक जहरीला पदार्थ मिला हुआ पाया गया. बच्चों की मौत की घटना के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य अलर्ट जारी किया गया और मध्य प्रदेश में अधिकारियों को निलंबित किया गया, गिरफ्तारियां की गईं, देश भर में दवा के भंडार जब्त किए गए, साथ ही केरल तथा कर्नाटक जैसे राज्यों में दवा संबंधी दिशानिर्देशों में तत्काल सख्त बदलाव किए गए.
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Source: IOCL






















