वक्फ बिल पर सियासी हंगामे के बीच शरद पवार गुट का रुख साफ, 'ये जमीनें किसी के बाप की...'
Waqf Amendment Bill: शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने वक्फ संसोधन विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने केंद्र की सरकार पर निशाना साधा.

वक्फ संसोधन विधेयक पर एक तरफ संसद में गरमा गरम बहस हो रही है तो बाहर भी सियासी पारा हाई है. शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि ये विधेयक लाया ही इसलिए गया है कि देश में धार्मिक विवाद पैदा हो. ये जमीनें किसी के बाप की नहीं हैं. न मुसलमानों के बाप की हैं न किसी के पास की हैं. कोई मुसलमान व्यक्ति इन जमीनों के ऊपर अपना अधिकार नहीं ठोक सकता. ये वक्फ की जमीन है. उनके पूर्वज जो मुसलमान थे उन्होंने इन जमीनों को दान में दे दिया ताकि मुस्लिम समाज के लिए इसका इस्तेमाल हो.
अच्छे उद्देश्य के लिए दी हुई जमीनें हैं- आव्हाड
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, "ये कोई शेख या अहमद की जमीनें नहीं हैं. ये दान दी हुई जमीनें हैं. इसका इस्तेमाल अस्पताल, मदरसा, कॉलेज, कब्रिस्तान और मस्जिद के लिए होना चाहिए. धार्मिक काम के लिए होना चाहिए. एक अच्छे उद्देश्य के लिए ये जमीनें दी घई हैं.ये जमीनें आज की नहीं हैं, हजारों सालों से चलती हुई आई हैं. आज भी कोई अमीर मुसलमान जिसके पास 10 एकड़ जमीन हो और वो चाहता है कि मैं दे दूंगा इनको तो वो मुसलमान समाज के लिए वक्फ हो जाता है."
#WATCH | Mumbai | On the Waqf Amendment Bill, NCP-SCP MLA Jitendra Awhad says, "It seems that this bill has been brought to create religious disputes in the country. This land does not belong to anyone. Neither does it belong to a Muslim nor to anyone else. No Muslim can forget… pic.twitter.com/rAW4mX0kpp
— ANI (@ANI) April 2, 2025
'सिर्फ लोगों का माथा भड़काना है'
जितेंद्र आव्हाड ने आगे कहा, "अब इन जमीनों के ऊपर सरकार का क्या अधिकार है. ऐसे ही ईसाई समाज की भी बहुत सारी जमीनें हैं. वो चर्च के पास है. हमारे हिंदू देवस्थानों के कब्जे में भी बहुत सारी जमीनें हैं. ये सालों से धार्मिक परंपरा देश में रही है. हमारे पास दौलत हैं हमारे पास जमीनें हैं. ईसाइयों के पास है, हिंदुओं के पास है, मुसलमानों के पास है. इसके ऊपर सरकार का क्या है? हां, अगर गलत काम होता है तो सरकार को रोकना चाहिए. लेकिन किसी धर्म के बीच में सरकार का हस्तक्षेप करना...ये सिर्फ लोगों का माथा भड़काना है. जब एक मिनिस्टर बोलता है कि कल संसद को भी वो वक्फ बोल देंगे. अरे भाई, ये संसद तब बना था जब ब्रिटिश राज था. ये ब्रिटिश राज के समय की बिल्डिंग है. अब क्या आप उसमें भी इतिहास बदलना चाहते हो क्या? किरेन रिजिजू को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए."
'मुझे कहा भी गया था कि इसे वक्फ से...'
एनसीपी-एसपी विधायक ने आगे कहा, "मैं आज भी बोलता हूं कि ये किसी व्यक्तिगत मुसलमान की जमीन नहीं है. ये दान दी हुई जमीनें हैं जो समाज हित के लिए हैं. आपको समाज हित के बीच में आने का कोई अधिकार नहीं है...मैं एक जमाने में माइनॉरटी की मंत्री का था. एक बंबई की बड़ी लैंड मेरे पास आई थी और मुझे कहा भी गया था कि इसे वक्फ से निकालो. मुझे याद है कि मैंने इस कागज पर लिख दिया था कि एक बार जब वक्फ हो जाता है तो वह वक्फ ही रहना चाहिए. मैंने महाराष्ट्र के हर कलेक्टर को खत लिखा था कि जिधर जिधर वक्फ की जमीन है उसको आप रिकॉर्ड पर लीजिए. ये जमीनें न बेची जा सकती हैं न किसी को दी जा सकती हैं."
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Source: IOCL






















