संजय राउत का देवेंद्र फडणवीस पर पलटवार, 'वक्फ संशोधन विधेयक और हिंदुत्व...'
Waqf Amendment Bill: लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सवाल किया है. इसके बाद संजय राउत ने उनपर पलटवार किया.

Waqf Bill: केंद्र सरकार ने बुधवार (2 अप्रैल) को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया. इसपर चर्चा जारी है. इस बिल का विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है. इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पलटवार किया है.
उन्होंने फडणवीस के पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए कहा, ''देवेंद्र जी, वक्फ संशोधन विधेयक और हिंदुत्व के बीच कोई संबंध नहीं है. यह आपकी पार्टी का अराजकता पैदा करने का तरीका है! राहुल गांधी का विषय है तो उनकी दादी ने अमेरिका को आंख दिखाई; और उन्होंने पाकिस्तान को दो भागों में बांटकर विभाजन का बदला ले लिया! क्या आपके पास यह साहस है? बोलिए.''
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा था?
इससे पहले मंगलवार (1 अप्रैल) को फडणवीस ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए एक्स पर पोस्ट लिखा था. उन्होंने कहा, ''देखना यह है कि क्या उद्धव बालासाहेब ठाकरे सेना और आदरणीय शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों को कायम रखेंगे या फिर राहुल गांधी के पदचिन्हों पर चलते हुए उनकी खुशामद करते रहेंगे?'' इसी बयान को लेकर संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
नरेश म्हस्के ने क्या कहा?
वहीं एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के सांसद नरेश म्हस्के ने संजय राउत को निशाने पर लिया. उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ''मुस्लिम वोट पाने के लिए विपक्षी पार्टियां वक्फ संशोधन बिल को लेकर झूठ फैला रही है. यह बिल गरीब मुस्लिम के फायदे के लिए है. बालासाहेब ठाकरे ने भी वक्फ का विरोध किया था. आज संजय राउत और यूबीटी वाले हिंदुत्व भूल चुके हैं. झूठ बोल रहे हैं और वो राहुल गांधी के पपेट हैं.''
शिवसेना वक्फ बिल का समर्थन कर रही है. शंभुराज देसाई ने कहा, "शिवसेना केंद्र सरकार का हिस्सा है, वह पीएम मोदी के नेतृत्व में काम कर रही है, सरकार के बारे में हमारा भी यही विचार है. जब संसद में ऐसे महत्वपूर्ण विधेयक चर्चा के लिए आते हैं, तो उससे पहले सदस्यों के साथ विचार-विमर्श किया जाता है, तीन लाइन का व्हिप दिया जाता है, अगर वोटिंग की नौबत आती है, तो वह पार्टी के निर्देशानुसार होता है. अब जब बिल पेश करने की बारी आ रही है, तो शिवसेना (यूबीटी) कह रही है कि वे सदन में फैसला करेंगे, वे हैरान दिख रहे हैं."
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