शिंदे के MLA संजय गायकवाड़ ने की मारपीट तो CM देवेंद्र फडणवीस बोले, 'सभी विधायकों की प्रतिष्ठा को...'
Sanjay Gaikwad News: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान परिषद में शिवसेना विधायक के व्यवहार को अनुचित बताया. उन्होंने कहा कि इससे सभी विधायकों की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है.

एकनाथ शिंदे की शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन कर्मचारी की पिटाई की सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कड़े शब्दों में निंदा की. विधान परिषद में सीएम फडणवीस ने कहा कि ऐसा व्यवहार अस्वीकार्य है. किसी के लिए ये सम्मानजनक नहीं है. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि एक विधायक के रूप में संजय गायकवाड़ के व्यवहार ने सभी विधायकों की प्रतिष्ठा को धूमिल किया है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों के बीच जवाबदेही की आवश्यकता है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने बासी भोजन परोसे जाने को लेकर मुंबई में विधायक हॉस्टल के कैंटीन के कर्मचारी को पीट दिया. विधायक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह घटना ‘आकाशवाणी एमएलए’ हॉस्टल में हुई.
MLA Sanjay Gaikwad’s behaviour is inappropriate and creates a negative perception about all legislators among the public.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 9, 2025
आ. संजय गायकवाड यांचे वर्तन भूषणावह नाही, यातून सगळ्या आमदारांबद्दल लोकांमध्ये चुकीची भावना जाते!
(विधानपरिषद, मुंबई | दि. 9 जुलै 2025)#Maharashtra… pic.twitter.com/Cp5JUp42wB
शिवसेना विधायक ने क्या कहा?
मारपीट पर शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा, "आकाशवाणी कैंटीन में मैं 30 सालों से आता हूं. साढ़े पांच सालों से यहां रह रहा हूं. मैंने कई बार इनको खाने के बारे में समझाया कि आप खाना अच्छा दिया करो. 15 दिन का अंडा, 15 दिन का नॉनवेज, सब्जियां दो-दो चार-चार दिन की, हर किसी की यही शिकायत है."
'पहला निवाला खाते ही मुझे...'
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में शिवसेना विधायक ने आगे कहा, "किसी के खाने में छिपकली निकलती है. किसी के खाने में चूहा निकलता है. किसी के खाने में रस्सी निकलती है. कल रात 10 बजे मैंने खाना ऑर्डर किया. मैंने दाल, चावल और दो चपाती मंगाई. चावल का निवाला खाते ही मुझे महसूस हुआ कि इसमें कुछ तो प्रॉब्लम है...मैंने उसको स्मेल किया तो वो सड़ा हुआ खाना था."
जिस हालत में मैं खाना खा रहा था वैसे ही मैं नीचे गया. मैंने पूछा कि ये खाना आपने दिया है तो बोले हां हमने दिया है. मैंने मैनेजर और उनके छह लोग और खाने पर जो लोग बैठे थे सबको स्लेम दिखाया. सबने कहा कि ये बहुत गंदा है, खाने जैसा नहीं है.
'मुझे मेरी स्टाइल में बात करना पड़ेगा'
मैंने कहा कि आपको दसों बार समझाया है. आप हमारी जिंदगी से खेल रहे हो. ये पॉइजन वाला खाना हम खाएंगे तो कल हमारी जान को कुछ भी हो सकता है...हर भाषा में समझाने के बाद अगर ये लोग सुधरते नहीं हैं तो मुझे मेरी स्टाइल से उनसे बात करना पड़ेगा."
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Source: IOCL






















