ठाकरे भाइयों की नजदीकी ने बढ़ाई MVA में चिंता, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी असहज!
Raj Thackeray-Uddhav Thackeray News: कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मनसे की विचारधारा से असहमत हैं, जबकि संजय राउत ने गठबंधन का समर्थन किया है. शरद पवार ने मतभेदों को सुलझाने के लिए बैठक बुलाई है.

ठाकरे परिवार ने आज भाई दूज का पर्व एक साथ मनाया यह पिछले चार महीनों में उनकी दसवीं संयुक्त उपस्थिति थी. परिवार के बीच बढ़ती यह नजदीकी अब महाविकास आघाड़ी (MVA) के सहयोगी दलों के लिए चिंता का कारण बन गई है.
उद्धव और राज ठाकरे अपने परिवार के साथ दादर में अपनी बहन जयंती ठाकरे देशपांडे के घर पहुंचे. इस अवसर पर एक खास पल तब देखने को मिला जब आदित्य, अमित और तेजस ने राज की बेटी उर्वशी के साथ एक दशक बाद भाई दूज मनाया.
राज ठाकरे की 'प्रवासी विरोधी' मानसिकता से खफा कांग्रेस
भाइयों के बीच बढ़ती यह नजदीकी राजनीतिक हलकों में हलचल मचा रही है. खासकर इसलिए क्योंकि मनसे का पारंपरिक रुख हमेशा से ‘मराठी मानुस’ और प्रवासी-विरोधी रहा है. अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) और मनसे के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों ने महाविकास आघाड़ी में चिंता बढ़ा दी है.
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप ने इस संभावना पर खुलकर असहमति जताई है. उनका कहना है कि ऐसा गठबंधन MVA की वैचारिक प्रतिबद्धता के खिलाफ होगा.
समाजवादी पार्टी ने भी बनाई दूरी
इससे भी अधिक अहम बात यह है कि समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने भी सार्वजनिक रूप से UBT-मनसे गठजोड़ की चर्चा से दूरी बना ली है. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के लिए, चुनाव से ठीक पहले मनसे जैसी पार्टी से जुड़ना उनकी ‘धर्मनिरपेक्ष’ छवि को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. खासतौर पर बिहार चुनावों की पृष्ठभूमि में, जहां इन दोनों दलों का वोट बैंक अल्पसंख्यक और प्रगतिशील तबकों पर आधारित है.
मनसे जैसी विवादास्पद बयानबाजी वाली पार्टी के साथ साझेदारी की छवि कांग्रेस और सपा के राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे ‘भाजपा-विरोधी नैरेटिव’ को कमजोर कर सकती है.
संजय राउत ने राज ठाकरे का किया बचाव
दूसरी ओर शिवसेना UBT के सांसद संजय राउत ने ठाकरे परिवार की बढ़ती नजदीकियों का जोरदार बचाव किया और अबू आज़मी पर पलटवार किया. राऊत ने कहा कि आज़मी अल्पसंख्यक वोटों में फूट डालकर अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा की मदद कर रहे हैं.
संजय राउत ने कांग्रेस से भी अपील की कि उन्हें यह समझना चाहिए कि आज की सबसे बड़ी लड़ाई लोकतंत्र और ‘मराठी मानूस’ के अधिकारों की है और ऐसे में वैचारिक जड़ता को बड़ी राजनीतिक लड़ाई के रास्ते में नहीं आने देना चाहिए.
इन घटनाक्रमों के बीच महाविकास आघाड़ी के भीतर बढ़ती दरारें अब शीर्ष नेतृत्व के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं. सूत्रों के अनुसार, शरद पवार ने पहल करते हुए दिवाली के बाद एक संयुक्त बैठक बुलाने का निर्णय लिया है, ताकि इन वैचारिक और राजनीतिक मतभेदों को सुलझाया जा सके.
पिछले चार महीनों में ठाकरे बंधुओं की मुलाकातें:
• 5 जुलाई 2025: मराठी भाषा सम्मेलन के मंच पर साथ नजर आए.
• 27 जुलाई 2025: राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर मातोश्री जाकर शुभेच्छा दी.
• 27 अगस्त 2025: उद्धव परिवार सहित दो दशकों बाद गणपति दर्शन के लिए शिवतीर्थ पहुंचे.
• 10 सितंबर 2025: उद्धव ठाकरे संजय राऊत के साथ शिवतीर्थ पहुंचे.
• 5 अक्टूबर 2025: दोनों ने संजय राऊत के पोते के नामकरण समारोह में भाग लिया, इसके बाद राज ने मातोश्री का दौरा किया.
• 12 अक्टूबर 2025: राज और परिवार मातोश्री में डिनर पर पहुंचे.
• 17 अक्टूबर 2025: मनसे दीपोत्सव का उद्घाटन.
• 22 अक्टूबर 2025: उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे की मां के जन्मदिन पर शिवतीर्थ जाकर शुभेच्छा दी.
• 23 अक्टूबर 2025: भाई दूज पर दोनों परिवार एक बार फिर एकजुट हुए.
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Source: IOCL























