राज ठाकरे के घर पहुंची पुलिस, बेटे अमित ठाकरे ने नोटिस लेने से किया इनकार
Maharashtra News: नेरुल पुलिस ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) और पदाधिकारियों समेत 70 मनसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है.

नेरुल के राजीव गांधी फ्लाईओवर के पास लगाए गए छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन करने के चलते अमित ठाकरे सहित 70 लोगों पर केस दर्ज किया गया है. इसी मामले में नेरुल पुलिस अमित ठाकरे को नोटिस देने के लिए शिवतीर्थ पहुंची लेकिन राज ठाकरे के बेटे ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया. MNS प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे पर नेरुल पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.
राजीव गांधी फ्लाईओवर के पास स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन करने, जमावबंदी का उल्लंघन करने, बिना अनुमति कार्यक्रम आयोजित करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अमित ठाकरे सहित 70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है.
नेरुल पुलिस ने क्या कहा?
नेरुल के पुलिस इंस्पेक्टर ब्रह्मानंद नाइकवाड़ी ने बताया कि आरोपियों में महाराष्ट्र विद्यार्थी सेना, मुंबई के प्रमुख अमित ठाकरे, नवी मुंबई शहर के मनसे अध्यक्ष गजानन काले और मनसे नेरुल इकाई के प्रमुख अभिजीत देसाई सहित अन्य MNS कार्यकर्ता शामिल हैं.
बिना अनुमति के मोर्चा निकाला- पुलिस
इंस्पेक्टर नाइकवाड़ी ने बताया, "उन्होंने बिना अनुमति के मोर्चा निकाला और गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा हुए और ड्यूटी पर तैनात सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश चव्हाण पर हमला किया. पुलिस के निर्देशों की अवहेलना करके सरकारी काम में भी बाधा डाली और एनएमएमसी द्वारा मूर्ति के चारों ओर लगाई गई जाली को दुर्भावनापूर्ण तरीके से क्षतिग्रस्त कर दिया."
MNS कार्यकर्ताओं ने पुलिस की रोक का किया विरोध
टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेरुल पुलिस को पता चला कि अमित ठाकरे अनौपचारिक रूप से मूर्ति का अनावरण करने वाले हैं, इसे रोकने के लिए मौके पर एक पुलिस दल तैनात किया गया, लेकिन ठाकरे के साथ आए मनसे कार्यकर्ताओं ने पुलिस की रोक का उल्लंघन करते हुए कड़ा विरोध किया.
MNS नेता गजानन काले ने क्या कहा?
नवी मुंबई के मनसे अध्यक्ष गजानन काले ने कहा, "पिछले साल फरवरी से एनएमएमसी के साथ बार-बार संपर्क करने के बावजूद नेरुल चौक पर लगभग 46 लाख रुपये की लागत से निर्मित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अनावरण की मांग की जा रही है, लेकिन संबंधित नागरिक अधिकारी इसे अनदेखा कर रहे हैं.''
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Source: IOCL























