Maratha Reservation: मराठा आरक्षण आंदोलन खत्म होने पर एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान, ‘सरकार ने किया न्याय, दूसरे समुदायों...'
Eknath Shinde On Maratha Reservation Andolan: एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने मराठा समाज की प्रमुख मांगों पर न्याय किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि दूसरे समुदायों का आरक्षण कोटा पर असर नहीं पड़ेगा.

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मांग कर रहे मनोज जरांगे ने 5वें दिन 2 सितंबर को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया. इस पर राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार ने मराठा समाज की प्रमुख मांगों को पूरा कर न्याय का काम किया है.
शिंदे ने ये भी कहा कि मराठा आरक्षण के साथ-साथ ही अन्य समुदायों का आरक्षण भी अक्षुण्ण रखा गया है. मुंबई में पांच दिन का अनशन खत्म करने के बाद शिंदे ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम अजित पवार और उन्होंने मिलकर विपक्ष की साजिश को नाकाम किया है.
हम तीनों ने मिलकर विपक्ष की नीति को विफल किया- एकनाथ शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की, लेकिन महायुति सरकार शुरुआत से ही मराठा आरक्षण के प्रति सकारात्मक थी. शिवसेना UBT ने अप्रत्यक्ष रूप से शिंदे पर ही आंदोलन खड़ा करने का आरोप लगाया था ताकि सरकार अस्थिर हो जाए.
लेकिन शिंदे ने दावा किया कि सरकार ने भावनात्मक मुद्दे पर व्यापक चर्चा कर ठोस निर्णय लिए हैं. उन्होंने बताया कि देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और उन्होंने एकसाथ काम किया और विपक्ष की रणनीति को विफल कर दिया.
हैदराबाद गजट और कुणबी प्रमाणपत्र
एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने मराठा समाज की मांगों में शामिल ‘हैदराबाद गजट’ लागू करने का निर्णय लिया है. इससे मराठा समुदाय के लोगों को कुणबी जाति का प्रमाणपत्र प्राप्त करना आसान होगा, जिससे वे शिक्षा और नौकरियों में ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण पा सकेंगे. पीटीआई के अनुसार, कुणबी एक कृषक वर्ग है, जिसे महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी में रखा गया है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार के सभी निर्णय कानूनी रूप से मजबूत हैं और न्यायालय में टिकेंगे. उन्होंने बताया कि रिटायर्ड जस्टिस संदीप शिंदे की अध्यक्षता में बनी समिति अब तक 58 लाख कुणबी प्रविष्टियां खोज चुकी है, जिनमें से 10.35 लाख प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं.
कोई गुप्त वार्ता नहीं, कानूनी दायरे में निर्णय
शिंदे ने यह भी साफ किया कि आंदोलनकारी मनोज जरांगे के साथ सरकार की कोई ‘बैक चैनल’ बातचीत नहीं हुई. सभी निर्णय पूरी पारदर्शिता के साथ लिए गए हैं और मराठा समाज को न्याय दिलाने के साथ अन्य समुदायों के अधिकारों को भी सुरक्षित रखा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आरक्षण के मुद्दे को कानून के दायरे में रहकर सुलझाया है और मराठा समाज की भावनाओं का सम्मान किया है.
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Source: IOCL























