Nasik News: साधुग्राम की जगह पर रेस्टोरेंट-बैंक्वेट हॉल का निर्माण, तपोवन में 220 करोड़ के टेंडर पर विवाद
Tapovan Tree Cutting Controversy: नाशिक शहर के तपोवन में साधुग्राम के लिए 1800 पेड़ों को काटने के प्रस्ताव पर भारी विवाद चल रहा है, जिस पर उद्धव ठाकने ने इसे पेड़ों की हत्या बताकर विरोध किया है.

Nashik Tapovan Tree Cutting Controversy: महाराष्ट्र के नासिक शहर में कुंभ मेले से पहले की तैयारियों के बीच तपोवन के साधुग्राम की जगह पर 1800 पेड़ों की कटाई का विवाद (Tapovan Tree Cutting Controversy) चल रहा है, जबकि महापालिका प्रशासन नए विवाद में फंस गया है. जिस जगह पर साधुग्राम बनाना है, वहां PPP यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के आधार पर प्रदर्शन केंद्र, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट बनाने की योजना बनाई जा रही है.
इस संबंध में, महापालिका प्रशासन ने 220 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला है और 33 साल के लिए यहां की जगह निजी डेवलपर को देने का आरोप लगाया जा रहा है. इससे भ्रम और बढ़ गया है और पर्यावरण (tree cutting in tapovan) प्रेमी आक्रामक हो गए हैं.
कुंभमेला के दौरान की जगह महापालिका के कब्जे में आएगी
इस बीच हर 12 साल में कुंभमेला होता है, इसलिए कुंभमेला के अलावा इस जगह का उपयोग किया जाना चाहिए, इसके लिए MICE हब यानी मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस एग्जीबिशन सेंटर शुरू करने के लिए टेंडर निकाला गया है. कुंभमेला से पहले ही यह टेंडर निकालने से महापालिका की भूमिका पर सवालिया निशान लग गया है, इसलिए महापालिका नए राजस्व स्रोत बनाकर कुंभमेला की जगह की देखभाल करेगी, यहां कोई स्थायी निर्माण नहीं होगा, कुंभमेला के दौरान जगह फिर से महापालिका के कब्जे में आ जाएगी, ऐसा खुलासा महापालिका आयुक्त मनीषा खत्री ने किया है.
साथ ही, साधुग्राम की जगह पर पेड़ न काटकर नेहरू नगर, गांधी नगर, मेरी की कॉलोनियों में साधुओं के निवास की व्यवस्था करें, ऐसी मांग पर्यावरण प्रेमियों ने की है, इसलिए कुंभमेला के दौरान देशभर से आने वाले कर्मचारियों की व्यवस्था की जाएगी, ऐसी जानकारी मनीषा खत्री ने दी. नासिक शहर के नक्शे के माध्यम से एक्सक्लूसिव जानकारी एबीपी माझा को दी.
पेड़ों की हत्या, उद्धव ठाकरे ने किया विरोध
इस बीच, इन्हीं मुद्दों पर शिवसेना पार्टीप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कड़ा विरोध किया है और इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि साधुग्राम बनाने में हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन साधुग्राम के नाम पर तपोवन के हजारों पेड़ों की हत्या करने के फैसले का हम कड़ा विरोध करते हैं. सरकार यह काम पुण्य कमाने का दिखावा करते हुए कर रही है, लेकिन वास्तव में यह प्रकृति का विनाश करने का प्रयास है और इसमें हिंदुत्व का सहारा लिया जा रहा है, ऐसी टिप्पणी उन्होंने की.
उन्होंने पूछा कि पिछले कुंभमेले में इस्तेमाल की गई जगह इस बार क्यों नहीं इस्तेमाल की जा रही है, नए पेड़ लगाने के लिए खाली जगह होने की बात कही जाती है तो साधुग्राम वहीं क्यों नहीं बनाया जा रहा है? पहले प्रकृति को मारना और फिर “नए पेड़ लगाना” ऐसा दिखावा करना भ्रष्टाचार है, ऐसा उन्होंने कहा.
Source: IOCL























