(Source: ECI | ABP NEWS)
Maharashtra Flood: बाढ़ का ऐसा कहर, बर्बाद हुए 68.69 लाख हेक्टेयर फसल, जानें सरकार का क्या है प्लान?
Maharashtra Flood Updates: सितंबर में महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ के कारण 68.69 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई. राज्य सरकार प्रभावित किसानों के लिए केंद्रीय वित्तीय मदद का प्रस्ताव तैयार कर रही है.

सितंबर में महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. कई सालों की फसलें बाढ़ तके पानी से तहस-नहस हो गई. जो आंकड़े सामने आए हैं वे और भी चिंता में डालने वाले हैं.
आंकड़ों के अनुसार, 68.69 लाख हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो गई, जिससे मराठवाड़ा और आसपास के क्षेत्रों में किसानों को गंभीर नुकसान हुआ है. राज्य राहत और पुनर्वास विभाग के अधिकारी ने 6 अक्टूबर को बताया कि सरकार प्रभावित किसानों के लिए केंद्रीय मदद की मांग का प्रस्ताव तैयार कर रही है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दोनों उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के साथ बैठक कर इस प्रस्ताव की समीक्षा की है.
व्यापक नुकसान और प्रभावित जिले
अधिकारियों के अनुसार, सितंबर में आई बाढ़ ने कई जिलों में व्यापक नुकसान पहुंचाया है. मराठवाड़ा में खेत और आवासीय क्षेत्र पानी में डूब गए, वहीं विदर्भ और पश्चिमी महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भी समान नुकसान हुआ. बीड, नांदेड, छत्रपति संभाजीनगर, यवतमाल, लातूर, सोलापुर, धरणशिव, जलना, परभणी, बुलढाणा, हिंगोली, नासिक और वाशीम जिलों में तीन से सात लाख हेक्टेयर तक की फसल बर्बाद हुई.
किसानों की मांग और सरकारी पहल
किसानों के प्रतिनिधियों ने प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये मुआवजे की मांग की है और सरकार से पहले किए गए ऋण माफी वादे को पूरा करने का आग्रह किया है. धरणशिव सांसद ओमरज निंबालकर ने सरकार से प्रभावित किसानों को सहायता और ऋण राहत देने की अपील की है. राहत और पुनर्वास विभाग ने बताया कि एग्रीस्टैक प्रणाली के तहत पंजीकृत किसानों का e-KYC तेजी से पूरा किया जा रहा है. राज्य में 1.72 करोड़ किसान खाता धारकों में से 1.17 करोड़ किसान पहले ही पंजीकृत हैं, और बाकी प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी.
बाढ़ से प्रभावित खेती और उपकरण
बाढ़ के कारण सिंचाई उपकरण जैसे इलेक्ट्रिक पंप बह गए, जिससे कई किसान खेती शुरू करने में असमर्थ हैं. पीटीआई के अनुसार, अधिकारी ने कहा कि सरकार इन किसानों की मदद के लिए योजना तैयार कर रही है ताकि वे जल्दी से जल्दी खेती में लौट सकें. वित्तीय सहायता और मुआवजे के प्रस्ताव को केंद्रीय स्तर पर भेजने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है. राज्य सरकार प्रभावित किसानों को राहत और पुनर्वास के सभी आवश्यक उपाय उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
Source: IOCL
























