महाराष्ट्र: EC पर भड़के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, कहा- 'अपने ही नियमों का पालन...'
Maharashtra News: नगर निकाय चुनाव स्थगन पर हर्षवर्धन सपकाल ने चुनाव आयोग पर अव्यवस्था और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए. नेशनल हेराल्ड केस को भी उन्होंने राजनीतिक प्रतिशोध बताया.

महाराष्ट्र में नगरपालिकाओं और नगर पंचायतों के चुनाव को लेकर अचानक लिया गया चुनाव स्थगन का फैसला अब एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने राज्य चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग अपने ही नियमों का पालन नहीं कर पा रहा और उसका कामकाज पूरी तरह अव्यवस्थित हो चुका है.
चुनाव से सिर्फ एक दिन पहले, यानी वोटिंग से 48 घंटे पहले, 20 नगरपालिकाओं और कुछ प्रभागों के चुनाव आगे बढ़ाने के फैसले ने सभी को चौंका दिया. सपकाल ने तंज कसते हुए कहा कि अगर कोर्ट का फैसला 22 नवंबर को आया था, तो फिर चुनाव आयोग ने 30 नवंबर तक यानी पूरे 8 दिन क्या किया? उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की यह लापरवाही साबित करती है कि वह खुद के बनाए नियमों का पालन करने की स्थिति में भी नहीं है.
भारी गड़बड़ियों का आरोप
सपकाल ने कहा कि स्थानीय स्वशासन संस्थाओं के चुनाव लगभग 10 साल बाद हो रहे हैं. ये चुनाव कार्यकर्ताओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन आयोग ने शुरुआत से ही इसमें कई गड़बड़ियां कीं.
उन्होंने कहा कि नामांकन प्रक्रिया को अनावश्यक रूप से जटिल बनाया गया. मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी की गई. बड़ी संख्या में डुप्लिकेट और ट्रिप्लिकेट नाम जोड़े गए.
उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर कोर्ट के निर्देशों ने कई नगर पंचायतों को अधर में लटका दिया. अब हालात यह हैं कि 20 नगरपालिकाओं और कुछ प्रभागों के चुनाव स्थगित कर नई तारीखें घोषित की गई हैं.
सपकाल ने कहा कि कोर्ट का 3 दिसंबर को आने वाला फैसला भी इन चुनावों पर असर डाल सकता है. इसलिए 3 दिसंबर के नतीजों को भी 20 दिसंबर को होने वाले मतदान के बाद ही घोषित किया जाए.
उन्होंने कहा कि जब अपने ही नियम आयोग से नहीं निभ रहे, तो यह कैसा आयोग है? पारदर्शिता और निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है, लेकिन वह इसमें पूरी तरह असफल साबित हो रहा है.
कांग्रेस ने लगाए आरोप
चुनाव आयोग के मुद्दे के बाद सपकाल ने नेशनल हेराल्ड मामले में दर्ज किए गए नए केस पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पर दर्ज किए गए मामले पूरी तरह राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित हैं.
सपकाल ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे विपक्ष की आवाज दबाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं.
गांधी परिवार को बदनाम करने की हो रही कोशिश
सपकाल ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में पहले भी कई जांचें हो चुकी हैं लेकिन कुछ भी साबित नहीं हुआ. इसके बावजूद सरकार सिर्फ गांधी परिवार को परेशान करने और उन्हें बदनाम करने के लिए जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने देश के लिए हमेशा त्याग और बलिदान किया है. राहुल गांधी लोकतंत्र और संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, इसीलिए सत्ता पक्ष उन्हें निशाना बना रहा है.
सपकाल ने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए पूछा कि जब सरकार इतनी ईमानदारी से जांच कर रही है, तो केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोळ और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे पार्थ पवार पर करोड़ों के कथित भूमि घोटाले में केस क्यों दर्ज नहीं किया गया? उन्होंने कहा कि यह दोहरा रवैया साफ करता है कि नेशनल हेराल्ड का मामला सिर्फ बदले की राजनीति है.
डरने वाली नहीं हमारी पार्टी
सपकाल ने कहा कि कांग्रेस किसी भी मुकदमे या राजनीतिक दबाव से डरने वाली नहीं है. उन्होंने कहा कि हम मोदी-शाह की प्रतिशोध की राजनीति की कड़ी निंदा करते हैं. कांग्रेस लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है.
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Source: IOCL






















