देवेंद्र फडणवीस सरकार का बड़ा ऐलान, EOW की SIT करेगी मुंबई कीचड़ घोटाले की जांच
Mumbai Sludge Scam News: मुंबई की मीठी नदी की सफाई और कीचड़ को उठाने के काम में घोटाले का मामला सामने आया है. बीजेपी नेताओं की मांग पर प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच SIT से कराने का फैसला लिया.

Mumbai Mud Scam News: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक बार फिर भ्रष्टाचार के मामले को लेकर सुर्खियों में है. भ्रष्टाचार का यह मामला मुंबई की मीठी नदी की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले से जुड़ा है. बीजेपी नेता लगातार मुंबई कीचड़ घोटाले की जांच की मांग कर रहे थे. इस मामले को तूल पकड़ता देख प्रदेश सरकार ने आर्थिक अपराध शाखा के SIT को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सौंपी है.
दरअसल, मुंबई शहर के बीचोबीच से गुजरने वाली मीठी नदी की सफाई और उससे निकले कीचड़ को उठाने के लिए दिए गए ठेके के नाम पर यह घोटाला हुआ है. बीजेपी के आरोप के बाद मीठी नदी की ड्रेजिंग और उसको गहरा करने में हुई गड़बड़ी मामले की जांच अब मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा करेगी.
महाराष्ट्र विधान परिषद में बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर और प्रसाद लाड ने आरोप लगाया था कि मीठी नदी के कीचड़ को उठाने के लिए दिए गए ठेके में गड़बड़ी हुई है. इस आरोप के बाद राज्य सरकार ने एसआईटी गठित कर इस मामले की जांच कराने का वादा किया था.
राज्य सरकार के आदेश के बाद अब इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा करने जा रही है. इस जांच के लिए मुंबई पुलिस कमिश्नर और आर्थिक अपराध शाखा के ज्वाइंट कमिश्नर के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन किया गया है.
3 ठेकेदारों को ईओडब्लू ने बातचीत के लिए बुलाया
मीठी नदी की वजह से उत्पन्न होने वाले कीचड़ को हटाने के लिए किसे ठेका दिया गया, कितना पैसा खर्च हुआ, 2005 से 2023 तक कितना कीचड़ हटाया गया, कितना सौंदर्यीकरण किया गया, जैसे पहलुओं की एसआईटी जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी.
फिलहाल, इस मामले में 3 ठेकेदारों को आर्थिक अपराध शाखा के विशेष दस्ते ने बातचीत के लिए बुलाया है. जिन ठेकेदारों को बुलाया गया है, उनके नाम कैलास कंस्ट्रक्शन मनीष कासलीवाला, एक्यूब डिजाइन के ऋषभ जैन और मनदीप एंटरप्राइजेज के शिरीष राठौड़ हैं. इस काम के लिए इन तीनों ठेकेदारों को लगभग 30 से 40 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया था.
मीठी नदी का करीब 12 किलोमीटर क्षेत्र मुंबई महानगरपालिका के क्षेत्र में आता है. इसमें करीब 6.8 किलोमीटर का क्षेत्र एमएमआरडीए सीमा से होकर जाता है. चूंकि, दोनों संस्थानो का ठेका देने का तरीका अलग-अलग है, इसलिए दोनों संस्थानों से इस मामले में हुई गड़बड़ी के संबंध में दस्तावेज की मांग की गई थी. पुलिस सूत्रों के मुताबिक नगर पालिका ने इस जांच में जो दस्तावेज दिए हैं, वो अपर्याप्त हैं. जांच टीम उससे संतुष्ट नहीं है.
उद्धव सरकार के कार्यकाल में हुआ था काम
बता दें की कीचड़ को हटाने का काम उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल में हुआ था. इससे पहले आर्थिक अपराध शाखा कोरोना काल में खिचड़ी घोटाला, डेडबॉडी बैग घोटाला और ऑक्सीजन प्लांट मामले में केस दर्ज कर चुकी है. अब प्रदेश सरकार ने कीचड़ घोटाले की जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं. जानकारों की माने तो मुंबई महानगरपालिका चुनाव से पहले देवेंद्र फडणवीस सरकार उद्धव ठाकरे शिवसेना को पूरी तरह से घेरने की तैयारी कर रही है.
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