'जल्द ही शिंदे साहब को राज्य का नेतृत्व करते हुए देखेंगे', खींचतान के बीच शिवसेना MLA का दावा
Maharashtra News: स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर आयोजित एक रैली में बोलते हुए दादा भुसे ने एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ा दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि एक बार फिर हम एकनाथ शिंदे को नेतृत्व करते देखेंगे.

महाराष्ट्र की राजनीति में जारी खींचतान के बीच राज्य सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता दादा भुसे के बयान ने नई बहस छेड़ दी है. दादा भुसे ने दावा किया है कि जनता एक बार फिर एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के नेतृत्व की भूमिका में देखेगी. नंदुरबार में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर आयोजित रैली में बोलते हुए दादा भुसे ने कहा कि आज भी अगर लोगों से पूछा जाए कि उनके दिल में कौन मुख्यमंत्री है, तो जवाब एकनाथ शिंदे होगा.
दादा भुसे ने कहा, "किस्मत में जो दर्ज है, हम जल्द ही शिंदे साहब को राज्य का नेतृत्व करते हुए देखेंगे." उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि महायुति सरकार के भीतर पहले से ही खींचतान की खबरें सामने आती रही हैं.
निकाय चुनाव से पहले बढ़ी खींचतान
बीते कुछ सालों में महाराष्ट्र की राजनीति कई उतार-चढ़ाव से गुजरी है. महायुति गठबंधन के घटक दल बीजेपी और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच तनाव अब भी जारी है. निकाय चुनाव नजदीक हैं. इस बीच दोनों पार्टियां एक-दूसरे के नेताओं को अपनी ओर खींचने में जुटी हुई हैं. ऐसे माहौल में दादा भुसे का यह बयान राजनीतिक समीकरणों की ओर इशारा करता दिख रहा है.
मंत्री दादा भुसे ने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं, जो सीधे लोगों के दिलों तक पहुंचे. उनके इस बयान के बाद यह कयास तेज हो गए हैं कि क्या आने वाले दिनों में राज्य की सत्ता में फिर कोई बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा.
हिंगोली मे बीजेपी Vs शिवसेना
हिंगोली जिले में स्थानीय निकाय चुनावों के बीच राजनीतिक तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बुधवार (26 नवंबर) को शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संतोष बांगर के आवास पर पुलिस द्वारा छापेमारी किए जाने की घटना सामने आई है.
शिंदे गुट ने इस कार्रवाई को बीजेपी द्वारा रची गई राजनीतिक साजिश करार दिया है. इससे जिले में हलचल तेज हो गई है. हिंगोली नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव के बीच यह कार्रवाई हुई. जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग और तेज हो गई है.
शिवसेना के आरोप के अनुसार लगभग 100 पुलिसकर्मी विधायक संतोष बांगर के घर पहुंचे और तलाशी ली. छापेमारी की वजह को चुनावी राजनीति से जोड़ते हुए इसे विपक्ष की चाल बताया गया है.
शिंदे गुट ने बीजेपी पर लगाया आरोप
इस बीच शिंदे गुट ने आरोप लगाया कि बीजेपी इस समय लगातार उनके नेताओं को निशाना बना रही है. विधायक संतोष बांगर का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की गई है. बीजेपी ने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की है.
इस मामले ने इसलिए भी तूल पकड़ा है, क्योंकि हाल ही में शिंदे गुट के नेता और विधायक नितेश राणे ने भी बीजेपी के एक कार्यकर्ता के घर छापा मारने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच तनाव बढ़ गया था. संतोष बांगर स्वयं सत्ताधारी शिवसेना (शिंदे गुट) से विधायक हैं.
शिंदे गुट ने किया ये दावा
एकनाथ शिंदे राज्य के डिप्टी सीएम हैं. दूसरी ओर गृह मंत्रालय बीजेपी के पास है, जिसकी कमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस संभालते हैं. इसी कारण शिंदे गुट का मानना है कि पुलिस कार्रवाई बीजेपी की मंजूरी व दबाव में हुई है.
हिंगोली में बीजेपी और शिंदे गुट दोनों ही निकाय चुनाव में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश में हैं. सीट बंटवारे और स्थानीय समीकरणों को लेकर दोनों दलों में पहले से ही तनाव है, और अब यह छापेमारी उस राजनीतिक खींचतान को और गहरा कर रही है.
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Source: IOCL






















