मुंबई में बढ़ते प्रदूषण पर उद्धव ठाकरे का निशाना, 'इथियोपिया नहीं, भ्रष्टाचार का ज्वालामुखी'
Uddhav Thackeray News: उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर भ्रष्टाचार, प्रदूषण और निकाय चुनावों में धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया.

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य की देवेंद्र फडणवीस सरकार पर भ्रष्टाचार, प्रदूषण और मौजूदा निकाय चुनावों में पैसे के दुरुपयोग को लेकर तीखा हमला बोला है. उद्धव ठाकरे ने वर्तमान में चल रहे नगरपालिका और नगर परिषद चुनावों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पैसों का धुआं निकल रहा है. उन्होंने पार्टी मुखपत्र 'सामना' के लेख का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पैसों की बारिश, अतिवृष्टि की तरह भयानक रूप से महाराष्ट्र में शुरू है.
पूर्व सीएम ने मंत्रियों के व्यवहार को सत्ता का घमंड बताते हुए कहा कि किसानों की व्यथा समझने के लिए कोई मंत्री उनके पास नहीं गया, जबकि वे जहां जाते हैं, वहां पैसों की थैलियां खुलती हैं.
'इथियोपिया नहीं, भ्रष्टाचार का ज्वालामुखी'
मुंबई में बढ़ते प्रदूषण पर बात करते हुए ठाकरे ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि मुंबई की हवा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती जा रही है. बॉम्बे हाई कोर्ट में दिए गए एक सरकारी वकील के बयान पर अप्रत्यक्ष रूप से पलटवार करते हुए, उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है मानो इथियोपिया में ज्वालामुखी फटा हो, लेकिन सच्चाई यह है कि इथियोपिया के ज्वालामुखी का और मुंबई के प्रदूषण का कोई संबंध नहीं है.
ठाकरे ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "यह यहां के भ्रष्टाचार के ज्वालामुखी का उद्रेक है. इस भ्रष्टाचार के प्रदूषण के बादल मुंबई और महाराष्ट्र पर मंडरा रहे हैं."
प्रदूषण के लिए बिना योजना के विकास को ठहराया जिम्मेदार
प्रदूषण के कारणों पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार के फैसलों को याद दिलाया. उन्होंने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने आरे में कारशेड को स्थगित कर दिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि आरे में पेड़ काटे जाने और "बिना योजना के विकास" के कारण प्रदूषण बढ़ा है. उन्होंने संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के विकास की योजना पर भी चिंता व्यक्त की, जिसे उन्होंने शहर के भीतर मौजूद एकमात्र जंगल और तेंदुओं (बिबटे) तथा अन्य जानवरों का निवास बताया.
कुंभ मेले के खर्च में छिपा 'पालकमंत्री' की पहेली का उत्तर?
ठाकरे ने नासिक में अगले वर्ष होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि लाखों साधु-संतों और भाविकों की असुविधा न हो, यह सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन अभी तक नासिक का पालकमंत्री नियुक्त नहीं किया गया है. उन्होंने प्रयागराज कुंभ मेले में हुई चेंगराचेंगरी (भगदड़) का जिक्र करते हुए पूछा, "क्या इस पहेली का उत्तर कुंभ मेले के खर्च में है?"
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Source: IOCL






















