Mahakaleshwar Temple: अगर आप भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने जा रहे तो बरते ये सावधानी, नहीं तो हो सकती है परेशानी
Ujjain: सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर में नई व्यवस्था लागू है, जिसके तहत कोई भी श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के दरबार में गर्भ गृह में जाकर पूजा अर्चना नहीं कर सकता है.

Ujjain News: दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग भगवान महाकाल के दर्शन को सुलभ और सुविधाजनक बनाने के लिए मंदिर समिति व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन करते रहती है. वर्तमान में भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने वाले लेने आने वाले श्रद्धालुओं को कई सावधानी रखने की जरूरत है ताकि उन्हें भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने से पहले और दर्शन के पश्चात कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़े.
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजित भगवान महाकालेश्वर के दरबार में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ आ रही है. इन सबके बीच मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है. महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) समिति के प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ शनिवार, रविवार और सोमवार को रहती है. इसके अलावा मंदिर समिति द्वारा आम श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर आमूल चूल परिवर्तन किए जाते हैं.
सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर में नई व्यवस्था है लागू
सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर में नई व्यवस्था लागू है, जिसके तहत कोई भी श्रद्धालु भगवान महाकालेश्वर के दरबार में गर्भ गृह में जाकर पूजा अर्चना नहीं कर सकता है. प्रशासक के मुताबिक 11 सितंबर के बाद गर्भगृह दर्शन को लेकर विचार किया जाएगा. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की देवास गेट बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से समान दूरी है. यहां पर उतारने के बाद श्रद्धालु सीधे ई-रिक्शा के माध्यम से भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंच सकते हैं. इसके लिए उन्हें महज 10 रुपये प्रति सवारी तक खर्च करना पड़ सकते हैं.
साधारण और शीघ्र दर्शन व्यवस्था
इसके अलावा यदि श्रद्धालु निजी वाहन चाहते हैं, तो महाकाल लोक के द्वार के पास मंदिर परिसर समिति द्वारा निशुल्क वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है. राजाधिराज भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं के सामने दो व्यवस्थाएं मंदिर समिति द्वारा रखी गई है. यदि शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर आम दिनों में श्रद्धालु आते हैं तो उन्हें साधारण लाइन में ही 15 से 20 मिनट में भगवान महाकाल के दर्शन हो जाते हैं. इसके अतिरिक्त यदि किसी विशेष पर्व या उक्त तीन दिनों में कोई भी श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आता है तो उसके लिए शीघ्र दर्शन व्यवस्था का भी एक विकल्प है.
भस्म आरती में कैसे मिलता है प्रवेश
इसके लिए मंदिर समिति द्वारा 250 रुपये की रसीद काट कर श्रद्धालुओं को शीघ्र दर्शन व्यवस्था के माध्यम से 10 मिनट में दर्शन लाभ दिलवा देती है. वैसे पर्व के दौरान भी 1 घंटे के भीतर भगवान महाकाल के दर्शन साधारण श्रद्धालुओं को भी हो जाते हैं. विश्व भर के शिव भक्तों के आकर्षण का केंद्र मानी जाने वाली भस्म आरती में शामिल होने की तमन्ना हर शिव भक्तों की रहती है. भस्म आरती में भी प्रवेश को लेकर अनुमति की प्रक्रिया है. यह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से हासिल की जा सकती है. महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासनिक कार्यालय के समीप भस्म आरती में आवेदन हेतु कर्मचारियों द्वारा व्यवस्था की जाती है.
यहां पर सुबह आवेदन पत्र वितरित किए जाते हैं जो कि परिचय पत्र के साथ भरकर वापस देना होते हैं. जिसके बाद भस्म आरती की अनुमति जारी हो जाती है. इसके अलावा प्रोटोकाल व्यवस्था के जरिए भी 200 रुपये प्रति श्रद्धालुओं का शुल्क लेकर मंदिर समिति द्वारा भस्म आरती के लिए अनुमति दी जाती है. जिन श्रद्धालुओं को दोनों प्रकार से यदि भस्मारती की अनुमति नहीं मिल पाती है, उन्हें भी निराश होने की जरूरत नहीं है. मंदिर समिति द्वारा चलित भस्मारती प्रक्रिया के जरिए सभी श्रद्धालुओं को भस्म आरती के दौरान चलते हुए दर्शन की व्यवस्था भी की गई है.
महाकाल लोक में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित नहीं
महाकाल लोक में वैसे तो दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, लेकिन शाम 7 बजे बाद यहां का नजारा देखते ही बनता है. श्रद्धालु शाम के समय महाकाल लोग का भ्रमण करने के लिए जा सकते हैं. इसके अलावा महाकाल लोक में मोबाइल पर भी प्रतिबंध नहीं है. महाकालेश्वर मंदिर समिति के निर्णय अनुसार महाकालेश्वर मंदिर में मोबाइल प्रतिबंधित है. मोबाइल रखने के लिए मंदिर समिति द्वारा विशाल लॉकर भी बनाए गए हैं, जिसका उपयोग श्रद्धालुओं द्वारा किया जाता है. यह सुविधा भी निशुल्क है.
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Source: IOCL





















