मध्य प्रदेश कैबिनेट मीटिंग में बड़े फैसले, नगरीय विकास को मिली 500 करोड़ की मंजूरी
Bhopal News: मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरनात्मक निर्माण योजना अन्तर्गत प्रदेश में 1,070 करोड़ रुपये की 1062 परियोजनाएं स्वीकृत हैं. इनमें 325 परियोजनाएं पूर्ण हैं और 407 परियोजनाएं प्रगतिरत हैं.

मध्य प्रदेश के डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंगलवार को विधानसभा के समिति कक्ष में हुई. मंत्रि-परिषद द्वारा नगरीय निकायों के विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरचनात्मक निर्माण योजना को वर्ष 2026-27 तक निरंतर रखते हुए अतिरिक्त राशि 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई.
मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंरनात्मक निर्माण योजना अन्तर्गत प्रदेश में 1,070 करोड़ रुपये की 1062 परियोजनाएं स्वीकृत हैं. इनमें 325 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं और 407 परियोजनाएं प्रगतिरत हैं. शेष 330 परियोजनाएं डी पी आर स्वीकृति/निविदा प्रक्रिया में हैं.
नगरीय क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, अधोसंरचनात्मक विकास कार्य जैसे मार्ग निर्माण, नाली निर्माण, श्मशान घाट, सामुदायिक भवन निर्माण, रैन बसेरा निर्माण, खेल मैदान विकास आदि कार्य योजना में किए जाते हैं.
शेष अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की स्वीकृति दी
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश ग्रामीण संपर्कता बाह्य वित पोषित योजना अंतर्गत शेष अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने के लिए राज्य योजना अंतर्गत पूर्व में स्वीकृत राशि 12 करोड़ 32 लाख रुपये के अतिरिक्त 9 करोड़ 45 लाख रुपये राशि के व्यय किए जाने की अनुमति प्रदान की गई.
राज्य सेवा परीक्षा 2022 में परिवहन उप निरीक्षक पद के लिए संशोधित अहर्ता-शर्तें स्वीकृत
मन्त्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा-2022 में परिवहन उप निरीक्षक के पद के लिए चयनित 29 उम्मीदवारों में से 25 उम्मीदवारों को विभागीय भर्ती नियम के अनुसार एक वर्षीय कंप्यूटर डिप्लोमा एवं ड्राइविंग लाइसेंस की अहर्ता संबंधी दस्तावेज 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में उपलब्ध कराने की शर्त पर नियुक्ति प्रदान करने का निर्णय लिया गया है.
निर्णय अनुसार 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि में सभी 25 उम्मीदवारों को उक्त दोनों अहर्ताओं के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.
ऐसे उम्मीदवार जो परिवीक्षा अवधि में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनकी परिवीक्षा अवधि में वृद्धि न करते हुए उनकी सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त किये जाने की शर्त पर ही नियुक्ति प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है.
Source: IOCL





















