MP News: जबलपुर में धान खरीदी में हुई जमकर धांधलेबाजी, सीएम यादव के निर्देश पर फूड कंट्रोलर सस्पेंड
MP Officers Suspend: जबलपुर में धान खरीदी में गड़बड़ी में शिकायत पर प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है. जांच के बाद कार्रवाई करते हुए संबंधित फूड कंट्रोलर अधिकारी सस्पेंड कर दिया है.
Jabalpur Paddy Procurement Scam: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीदी में जमकर धांधलेबाजी हो रही है. सरकार तक इसकी शिकायत पहुंचने पर जबलपुर के जिला आपूर्ति नियंत्रक (फूड कंट्रोलर) कमलेश तांडेकर को ससपेंड कर दिया गया है. हालांकि, जिले में प्रशासन की नाक के नीचे फर्जी उपार्जन केन्द्रों में जमकर हुई नियम विरुद्ध घटिया धान खरीदी का मामला अब बेहद संगीन हो गया है. धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने वाले प्रशासनिक हमले की अनदेखी पर भी सवालिया निशान लगाया जा रहा है.
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि खुद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और कठोर कार्रवाई के निर्देश भोपाल से जारी हुए हैं. इसके तहत सबसे पहली कार्रवाई डिस्ट्रिक्ट फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, अब बाकी के दोषियों को टारगेट पर लेने की चर्चा है. हालांकि, कहा जा रहा है कि जिन अधिकारियों पर खरीदी और उपार्जन केन्द्रों का जिम्मा था, उनमें से अभी तक किसी एक पर भी सवालिया निशान तक नहीं लगाए गए हैं.
आनन फानन में शुरू हुई जांच
दरअसल, जबलपुर में 1 दिसंबर 2023 से शुरू हुई धान की खरीदी में उस समय गंभीर मोड़ आ गया, जब कई वेयरहाउसों ने बिना अनुमति ही धान की खरीदी शुरू कर दी थी. प्रशासनिक अधिकारियों से सांठगांठ के चलते उन्हें उम्मीद थी कि देर-सवेर खरीदी केन्द्र बनाया ही जाएगा. कई केन्द्रों में हजारों क्विंटल धान एकत्र हो गया और उनमें ऐसी धान भी शामिल थे जो कि सड़ चुका था. मामला जब भोपाल तक पहुंचा तो आनन-फानन में जांच के लिए दौरे शुरू कर दिए गए, लेकिन इसके बाद भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, इसके उलट कई वेयरहाउसों को गुपचुप तरीके से केन्द्र बना भी दिया गया.
'जांच दल से मिलीभगत कर वेयरहाउस से...'
शिकायत के बाद भोपाल से एक साथ 10 जांच टीमें भेजी गई. कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ जांच दलों ने ईमानदारी से रिपोर्ट तैयार की और उसे मेल के जरिए भोपाल भेज दिया गया. इसमें बताया गया कि बिना केन्द्र बनाए ही हजारों क्विंटल धान की खरीदी कर ली गई और इसमें भारी मात्रा अमानक धान की है. वहीं, कुछ जांच दल ने मिली भगत करके वेयरहाउस से धान को गायब करवाने में सहयोग भी किया और रिपोर्ट में साफ कह दिया कि धान की न तो खरीदी हुई और न ही मौके पर धान मिला. जबकि जांच दलों को जो वेयरहाउस आवंटित किए गए थे, वे प्राथमिक जांच के बाद ही दिए गए थे और जांच में बताया गया था कि उन वेयरहाउसों में बिना अनुमति खरीदी हो रही है.
सस्पेंशन आदेश में प्राशसन ने क्या कहा?
बताया जाता है कि धान खरीदी में गंभीर अनियमितता के बाद प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने फूड कंट्रोलर कमलेश तांडेकर को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है. इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जिले में कुल 121 खरीदी केन्द्र बनाए जाने थे, जिसके विरुद्ध जिले में 85 केन्द्र स्थापित किए गए. शेष 36 उपार्जन केन्द्र स्थापित करने के लिए महिला स्वसहायता समूहों के प्रस्ताव को तांडेकर ने विलम्ब से 21 दिसंबर को प्रेषित किए. इससे समय पर केन्द्र नहीं बन पाए और किसानों को उपज बेचने में परेशानी हुई.
उपार्जन नीति के अनुसार सेवा सहकारी संस्थाओं को दो-दो उपार्जन केन्द्र संचालित करने के प्रावधान के विरुद्ध जिले की 27 सहकारी समितियों को केवल 1-1 उपार्जन केन्द्र संचालित करने का कार्य दिया गया. इससे निर्धारित केन्द्र स्थापित नहीं हो पाए. यह घोर लापरवाही है और यही कारण है कि तांडेकर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है और निलम्बन अवधि में इनका मुख्यालय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय भोपाल रहेगा.
'धान खरीदी में पाई गई गड़बड़ी'
वही, इस मामले में एडिशनल कलेक्टर मिशा सिंह का कहना है कि प्रशासन की टीम ने कई स्थानों पर धान खरीदी की जांच की है. कुछ जगहों पर गड़बड़ी पाई गई है, जिसकी रिपोर्ट अगली कार्रवाई के लिए भोपाल भेज दी गई है.
ये भी पढ़ें:
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets