'सनातनी युवा जोड़ो' पदयात्रा लिए अलीगढ़ पहुंचीं हर्षा रिछारिया, 'मेरे मन में एक...'
Harsha Richhariya News: हर्षा रिछारिया ने कहा कि जगह-जगह उनकी पदयात्रा को समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा कि हिंदू युवाओं को जागरूक करने की प्रतिज्ञा अब पूरी हो रही है.

महाकुंभ में खूबसूरती को लेकर लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वालीं हर्षा छावरिया इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने 7 दिनों की 'सनातनी युवा जोड़ों' पदयात्रा निकाली है जिसमें हिंदू युवाओं को धर्म के प्रति जागरूक करना लक्ष्य है. इसी को लेकर वो अलीगढ़ पहुंचीं. इस पदयात्रा का समापन संभल जिले में होगा. 7 दिनों तक चलने वाली यह पदयात्रा हर्षा छवरिया को लेकर के लिए काफी खास है.
मंदिर में की पूजा अचर्ना
अलीगढ़ मुख्यालय से 24 किलोमीटर पहले तहसील इगलास के कस्बे में बगीची के समीप स्थित श्री कृष्ण मंदिर पर हर्षा छावरिया रुकीं. इस दौरान उन्होंने मंदिर में पूजा पाठ की. इससे पहले इगलास के ही गांव साथनी में खाटू श्याम के मंदिर पर माता ठेका और मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना की. कस्बा इगलास पहुंचने के बाद उन्होंने बताया कि यह पदयात्रा काफी खास है. जगह-जगह लोगों के द्वारा आस्था के प्रतीक मंदिरों से उनको रूबरू कराया जा रहा है, जिससे हिंदू संस्कृति की पहचान हो रही है. तहसील इगलास में पहुंचने पर जोरदार तरीके से उनका फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया गया.
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जगह-जगह समर्थन मिल रहा समर्थन- हर्षा रिछारिया
हर्षा छावरिया ने बताया कि जिस तरह से यह पदयात्रा चल रही है, इसमें लगातार लोगों का जगह-जगह समर्थन मिल रहा है. उन्होंने कहा, "हिंदू युवाओं को जागरूक करने के लिए मेरे मन में एक प्रतिज्ञा थी. अब वह पूरी होने वाली है. 7 दिन के लिए कल से यह पदयात्रा शुरू हुई थी और 7 में दिन यह पदयात्रा संभल में पूरी होगी."
समापन को लेकर क्या बोलीं?
जब उनसे पदयात्रा समापन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, "यह पदयात्रा इसलिए संभल में समापन करना उचित है क्योंकि विष्णु भगवान के नौवें अवतार संभल में हैं. साथ ही वृंदावन से इसकी शुरुआत इसलिए की गई क्योंकि वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीलाएं दिखाई थीं. कहीं ना कहीं दोनों ही जगह काफी अच्छी हैं. यही कारण है कि दोनों जगह को चुना गया है."
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Source: IOCL























