Bageshwar Dham: आस्था का केंद्र बना बागेश्वर धाम, पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के दरबार में पीड़ित बच्चों को लेकर पहुंच रहे परिजन
Bagheswar Dham Sarkar: मध्य प्रदेश के सागर में पंडित बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा चल रही है. कथा के दौरान दिव्य दरबार का भी आयोजन किया जा रहा है.
Madhya Pradesh News: छतरपुर (Chhatarpur) स्थित बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri ) का दिव्य दरबार अब लोगों की आस्था का केन्द्र बनता जा रहा है. वर्तमान में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सागर (Sagar) में पंडित बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा चल रही है. इस कथा के दौरान दिव्य दरबार का भी आयोजन किया जा रहा है. दिव्य दरबार में दुखी माता-पिता विभिन्न बीमारियों से पीड़ित अपने बच्चों को लेकर पहुंच रहे हैं.
इस दौरान कोई सरकार से सहायता नहीं मिलने की बात कह रहा है, तो कोई कह रहा है कि लाखों रुपए खर्च हो गए फिर बीमारी ठीक नहीं हो सकी. अब दिव्य दरबार से उम्मीद है, लेकिन दिव्य दरबार में भी उनके नाम की पर्ची नहीं निकलने पर मायूसी हाथ लग रही है. वर्तमान में सागर में बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की कथा का आयोजन चल रहा है.
दोपहर में कथा
चिलचिलाती धूप को देखते हुए पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री दोपहर में कथा कर रहे हैं, जबकि रात को दिव्य दरबार लगा रहे हैं. सागर के जैसीनगर के ज्ञानोदय कॉलेज के ग्राउंड पर बागेश्वर धााम के महंत धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा दिव्य दरबार लगाया जा रहा है. इस दिव्य दरबार में लाखों लोग अपनी अर्जी लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं. इस दिव्य दरबार में कई परिजन अपने छोटे-छोटे बीमार बच्चों को लेकर पहुंचे, जिनकी बीमारी लाइलाज है या जो आर्थिक संकट के चलते अपने बच्चों का इलाज नहीं करा पा रहे हैं.
पांच लाख खर्च फायदा नहीं
ग्राम खमरिया निवासी भीकम सिंह अपनी 11 साल की नातिन को लेकर सागर स्थित दिव्य दरबार पहुंचे. भीकम सिंह ने बताया कि लीलावती बचपन से बोल-सुन नहीं पाती. उसके इलाज में अब तक पांच लाख रुपए से अधिक खर्च कर चुके हैं. भोपाल और सागर में भी इलाज कराया, लेकिन फायदा नहीं हो सका. वहीं शिवपुरी निवासी सिमरन कौर ने बताया कि उनके पांच वर्षीय बेटे गुरुतीरथ की आंतों में सूजन है. बीते पांच साल से इलाज करा रहे हैं, अब दो लाख से अधिक रुपए खर्च हो चुके, सरकार से कोई मदद नहीं मिली है. अब दिव्य दरबार में आए हैं.
सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं
सागर निवासी कंचन ने बताया कि उनके पांच वर्षीय बूटे सूर्यांश की कमर पर बड़ी गठान है. इस बीमारी का सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं है. दिव्य दरबार में बागेश्वर बाबा से उम्मीद है. वहीं रायसेन निवासी जितेन्द्र ठाकुर ने बताया कि उनका तीन वर्षीय पुत्र जय ठाकुर चल फिर और बैठ नहीं पाता है. जन्म से ही समस्या है. इलाज में अब तक पांच लाख रुपए से ज्यादा खर्च किए जा चुके हैं. अब इसका इलाज मुंबई में होना है.
बीमारी का नहीं पता
रायसेन निवासी रामनरेश ठाकुर ने बताया कि उनकी 10 वर्षीय बेटी प्रिया ठाकुर चल फिर नहीं पाती. अब तक इलाज में पांच लाख रुपए खर्च किए, लेकिन बीमारी का ही पता नहीं चल सका है. कटनी निवासी पूजा ने बताया कि उनके 14 वर्षीय पुत्र रोहन चेलानी चल नहीं पाता. सब जगह इलाज कराया, लेकिन फायदा नहीं हो सका है. अब बाबा बागेश्वर के दिव्य दरबार में आए हैं, बहुत उम्मीद है.