पहलगाम हमले के बाद PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने LG को लिखी चिट्ठी, किसके रिहाई की कर दी मांग?
Pahalgam Terror Attack: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरियों ने खुले तौर पर आतंकवाद का विरोध किया और इस संकट में देश के साथ एकजुट रहे. स्थानीय कश्मीरियों ने ही घायलों की मदद की.

Mehbooba Mufti Writes To LG Manoj Sinha: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले की घटना को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को पत्र लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने LG को लिखी चिट्ठी में पहलगाम घटना के बाद हिरासत में लिए गए युवाओं की रिहाई की मांग की है. पीडीपी प्रमुख ने निर्दोष नागरिकों की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं साथ ही कहा है कि कोई भी लोकतांत्रिक और जिम्मेदार समाज अपने लोगों के साथ इस तरह के व्यवहार को स्वीकार नहीं कर सकता.
महबूबा मुफ्ती ने एलजी मनोज सिन्हा को लिखे पत्र में कहा, ''मैं आपको ऐसे समय में लिख रही हूं जब पूरा देश पहलगाम में हुए दुखद और कायराना आतंकी हमले से दुखी है. इस घिनौनी घटना की पूरे देश में व्यापक रूप से निंदा की गई है, खासकर कश्मीर के लोगों द्वारा. वास्तव में हम एक कदम और आगे बढ़ गए और पूर्ण बंद का आह्वान किया, विरोध स्वरूप सड़कों पर उतर आए."
PDP chief Mehbooba Mufti wrote to Lieutenant Governor Manoj Sinha, seeking the release of youths who were detained in the aftermath of the Pahalgam incident pic.twitter.com/gargMwG4D4
— IANS (@ians_india) May 6, 2025
कश्मीरियों ने आतंकवाद का विरोध किया- महबूबा मुफ्ती
उन्होंने पत्र में आगे कहा, ''इस घटना ने पहली बार एक महत्वपूर्ण और उत्साहजनक बदलाव को चिह्नित किया, कश्मीरियों ने खुले तौर पर आतंकवाद का विरोध किया और इस संकट के दौरान राष्ट्र के साथ एकजुट रहे. पहलगाम हमले के तुरंत बाद ये स्थानीय कश्मीरी ही थे जो घायलों की मदद करने के लिए आगे आए, उन्हें अस्पतालों में पहुंचाया और ब्लड डोनेट किया. यह किसी उपकार के रूप में नहीं बल्कि अपने साथी नागरिकों के प्रति एक कर्तव्य के रूप में किया.''
3000 से ज्यादा गिरफ्तारियां चिंताजनक- महबूबा मुफ्ती
पीडीपी प्रमुख ने आगे लिखा, ''हालांकि, इसके बाद अलग-अलग सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया एक केंद्रित जांच की तरह कम और व्यापक और अंधाधुंध कार्रवाई की तरह अधिक प्रतीत होती हैं. 3,000 से ज्यादा गिरफ्तारियां और लगभग 100 लोगों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया है. ये संख्याएं चिंताजनक हैं. ये न्याय नहीं बल्कि सजा का एक सामूहिक रूप दर्शाती हैं.
ये कार्रवाई बदले की भावना की तरह है- महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती ने चिंता जताते हुए पत्र में लिखा, ''इस दृष्टिकोण से न सिर्फ परिवारों और समुदायों को अलग-थलग करने का जोखिम है, बल्कि यह सवाल भी उठता है कि यह सब हमें कहां ले जाएगा? जबकि हम सभी स्पष्ट रूप से न्याय के पक्ष में हैं, वर्तमान में की जा रही कार्रवाई बदले की भावना की तरह है. कोई भी लोकतांत्रिक और जिम्मेदार समाज अपने लोगों के साथ इस तरह के व्यवहार को स्वीकार नहीं कर सकता या नहीं करना चाहिए.
'कश्मीर के लोगों ने सद्भावना का हाथ बढ़ाया'
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम ने LG को लिखे पत्र में ये भी कहा, ''मैं लंबे समय से कहती रही हूं कि कश्मीर के लोगों ने सद्भावना का हाथ बढ़ाया है लेकिन अब देश के बाकी हिस्सों को भी उसी तरह जवाब देना चाहिए. यह बेहद निराशाजनक है कि कुछ आतंकवादियों की हरकतें अब यह निर्धारित कर रही हैं कि सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया देंगी.
अमरनाथ यात्रा का भी जिक्र
उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने अमरनाथ यात्रा का भी जिक्र किया. पीडीपी प्रमुख ने लिखा, ''श्री अमरनाथ यात्रा के करीब आने के साथ, मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करती हूं कि आप निर्दोष लोगों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करें. कश्मीर के लोगों को राहत की सांस लेने दें और यात्रियों का गर्मजोशी और आतिथ्य के साथ स्वागत करने के लिए तैयार रहें, जिसके लिए वे जाने जाते हैं.''
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Source: IOCL
























