'उम्मीद है केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों का सम्मान करेगी और...', फारूक अब्दुल्ला ने रख दी बड़ी मांग
Farooq Abdullah Statement: नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने AAP विधायक मेहराज मलिक पर PSA लगाने को गलत बताया. कहा, असंसदीय शब्द वापसी जरूरी है, पर कठोर कानून की बजाय बातचीत से हल निकले.

जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग सत्तारूढ़ दल नेशनल कांफ्रेंस (NC) लगातार रखती आई है. पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर यही मांग रखते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है, "उम्मीद है केंद्र जम्मू-कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं का सम्मान करेगा और राज्य का दर्जा बहाल करेगा."
इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा, "खुदा चाहेगा तो एक दिन ऐसा भी होगा. हमें उम्मीद है कि दिल्ली इस पर ध्यान देगी. प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करेंगे कि जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य का दर्जा बहाल करना चाहते हैं."
आप विधायक मेहराज मलिक को जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में लेने के मामले पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि मेहराज मलिक के शब्द असंसदीय थे, लेकिन उन पर PSA लगाना गलत कदम है.
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यदि सरकार चाहती तो बातचीत के माध्यम से इस विवाद को सुलझाया जा सकता था. उन्होंने बताया कि उन्होंने उसी समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील की थी कि PSA को वापस लिया जाए और साथ ही मेहराज मलिक भी अपने शब्द वापस लें. उन्होंने कहा कि गलती दोनों तरफ से हुई है, लेकिन हल बातचीत से निकाला जा सकता था, न कि कड़े कानून लगाकर.
#WATCH पहलगाम, अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर): आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक को जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में लिए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "मेहराज मलिक ने जो शब्द इस्तेमाल किए वे असंसदीय थे... PSA लगाना गलत है। अगर ये लोग बात करते तो… pic.twitter.com/D3CWjXns9M
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 13, 2025
सरकार को पीएसए जैसे कदम उठाने से बचना चाहिए- फारूक अब्दुल्ला
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस विवाद के बाद पर्यटक डर गए हैं और इसका सीधा असर जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था और पर्यटन पर पड़ रहा है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर की जनता की रोजी-रोटी पर्यटन पर निर्भर करती है, इसलिए सरकार को पीएसए जैसे कदम उठाने से बचना चाहिए जो इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता को प्रभावित करें.
सरकार को भी अपनी सख्ती पर करना चाहिए पुनर्विचार
नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख ने यह भी स्वीकार किया कि मेहराज मलिक की गलती थी. उन्होंने जो भाषा का इस्तेमाल किया, वह गलत था और उन्हें अपनी बात वापस लेनी चाहिए. साथ ही कहा कि सरकार को भी अपनी सख्ती पर पुनर्विचार करने की जरूरत बताई.
कश्मीर के मुद्दों के बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना ठीक नहीं
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि हिंदुस्तान का कोई भी राज्य पूरी तरह समस्या मुक्त नहीं है. हर एक रियासत में कुछ-न-कुछ होता रहता है. यहां के मुद्दों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना और उन पर अत्यधिक कठोर कार्रवाई करना ठीक नहीं है.
नेपाल की स्थिति पर अब्दुल्ला ने की टिप्पणी
अब्दुल्ला ने पड़ोसी देश नेपाल का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की स्थिति अपने आप सुधर जाएगी और भारत को इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है.
फारूक अब्दुल्ला के इन बयानों से साफ है कि वे एक ओर मेहराज मलिक की असंसदीय भाषा को गलत ठहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से उठाए गए कड़े कदमों की भी आलोचना कर रहे हैं. उनका मानना है कि ऐसे मामलों का समाधान संवाद और आपसी समझ से ही संभव है.
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