जम्मू कश्मीर: CM उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों को दी हेराथ की शुभकामनाएं, क्यों खास है ये त्योहार?
Jammu Kashmir News: हेराथ एक कश्मीरी त्योहार है जो फरवरी और मार्च के बीच फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि को मनाया जाता है. इसका कश्मीरी पंडितों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक-धार्मिक महत्व है.

Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (25 फरवरी) को कश्मीरी पंडितों को महाशिवरात्रि के समान समझे जाने वाले कश्मीरी त्योहार हेराथ पर शुभकामनाएं दीं. उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा, "सभी को हेराथ की हार्दिक शुभकामनाएं. यह पवित्र त्योहार हर घर में शांति, समृद्धि और आशीर्वाद लेकर आए. हेराथ मुबारक हो."
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मंगलवार (25 फरवरी) को कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े पर्व हेराथ की शुभकामनाएं दीं और सभी के बेहतर स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, "हेराथ पोश्ते! यह त्योहार हमारे कश्मीरी पंडित बहनों और भाइयों की जीवंत संस्कृति के साथ निकटता से जुड़ा हुआ है. इस शुभ अवसर पर, मैं सभी के लिए सद्भाव, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं. यह सभी के सपनों को पूरा करे, नए अवसर पैदा करे और सभी के लिए स्थायी खुशियां भी लाए."
Wishing everyone a joyous and blessed Herath! May this sacred festival bring peace, prosperity, and divine blessings to every home. Herath Mubarak! 🌼
— Office of Chief Minister, J&K (@CM_JnK) February 25, 2025
महबूबा मुफ्ती ने भी दी शुभकामनाएं
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी इस समुदाय को हेराथ की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, "हमारे कश्मीरी पंडित भाइयों को हेराथ मुबारक. यह अवसर आप सभी के लिए खुशी और आनंद लेकर आए."
क्या है हेराथ?
दरअसल, हेराथ एक कश्मीरी त्योहार है जो फरवरी और मार्च के बीच फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की 13वीं तिथि को मनाया जाता है. इसका कश्मीरी पंडितों के लिए सांस्कृतिक और सामाजिक-धार्मिक महत्व है, जिन्होंने घाटी में आतंकवाद के सिर उठाने के कारण पलायन करने के बाद भी इस त्यौहार को मनाना जारी रखा है. हेराथ को हर या शिव की रात्रि के नाम से भी जाना जाता है.
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Source: IOCL





















