जम्मू-कश्मीर में फर्जी पत्रकारों पर सख्ती, प्रशासन ने सभी जिलों में शुरू की पहचान प्रक्रिया
Jammu and Kashmir News: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. अब सिर्फ डीआईपीआर द्वारा वेरिफाइड मीडिया प्रोफेशनल्स को ही सरकारी मान्यता मिलेगी.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू और कश्मीर में काम कर रहे फर्जी पत्रकारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. यह निर्देश जम्मू-कश्मीर असेंबली में हाल ही में हुई एक गड़बड़ी के बाद आया है, जब विधायकों के फर्जी और बनाए हुए वीडियो सर्कुलेट किए गए थे.ये आदेश लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने जारी किए हैं और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सरकारी विभागों द्वारा केवल असली मीडिया प्रोफेशनल्स को ही मान्यता दी जाए और उनसे ही काम लिया जाए.
हाई-लेवल मीटिंग में हुआ फैसला
अधिकारियों के अनुसार, "फर्जी पत्रकारों" का मुद्दा कल श्रीनगर में लेफ्टिनेंट गवर्नर की अध्यक्षता में हुई एक हाई-लेवल रिव्यू मीटिंग में डिस्कस किया गया थायह मामला, जो हाल ही में खत्म हुए जम्मू और कश्मीर विधान सभा के ऑटम सेशन में भी उठा था, प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया था. मीटिंग में मौजूद एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "एलजी ने साफ तौर पर कहा कि जो लोग पत्रकारिता के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें कानून का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने सभी डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी को ऐसे लोगों की पहचान करने और उन्हें सिस्टम से बाहर निकालने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया."
हर जिले में बनेगा वेरिफाइड डेटाबेस
पता चला है कि लेफ्टिनेंट गवर्नर ने अधिकारियों को हर जिले में मान्यता प्राप्त और सक्रिय पत्रकारों का एक वेरिफाइड डेटाबेस तैयार करने के लिए मिलकर काम करने का भी निर्देश दिया है.
विभागों को यह भी बताया गया है कि वे केवल उन्हीं मीडिया प्रतिनिधियों को एंटरटेन करें जिनके क्रेडेंशियल्स सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) द्वारा ठीक से वेरिफाइड हों.
लेफ्टिनेंट गवर्नर ने आगे निर्देश दिया कि जो व्यक्ति या समूह पत्रकारिता के नाम पर फेसबुक पेज, ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल, या सोशल मीडिया हैंडल चला रहे हैं, उन्हें सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) द्वारा ठीक से रजिस्टर्ड और वेरिफाइड होना चाहिए.
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ऐसे डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को उनके द्वारा पब्लिश किए जाने वाले कंटेंट के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए और उन्हें मीडिया एथिक्स और कानूनी रिपोर्टिंग की सीमाओं के अंदर ही सख्ती से काम करना चाहिए.
शिकायतों के बीच प्रशासन की सख्ती
अधिकारियों ने कहा कि यह कदम बढ़ती शिकायतों के बीच उठाया गया है कि कुछ लोग पत्रकार बनकर मीडिया आइडेंटिफिकेशन कार्ड या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल करके अधिकारियों को डरा-धमका रहे हैं और उनसे फेवर ले रहे हैं. हाल ही में हुए असेंबली सेशन में कई विधायकों ने भी यह चिंता जताई थी और इस खतरे को रोकने के लिए एक मैकेनिज्म बनाने की मांग की थी.
एक अन्य सीनियर अधिकारी ने कहा, "सरकार उन असली पत्रकारों की भूमिका को महत्व देती है जो ईमानदारी और जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग करते हैं. हालांकि, जो लोग इस पेशे को बदनाम कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई ज़रूरी है."इससे पहले, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) कश्मीर के सभी जिला सूचना अधिकारियों को फर्जी पत्रकारों के खिलाफ निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया था.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























