सुक्खू सरकार की फिर बढ़ेंगी मुश्किलें? सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने बुलाया जनरल हाउस
Himachal Employees: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी महासंघ जनरल हाउस बुलाने जा रहा है, क्योंकि सरकार ने विशेष अधिकार हनन नोटिस वापस नहीं ली है और उनकी मांगें नहीं मानी है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की परेशानी एक बार फिर बढ़ सकती है. हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने 15 अक्टूबर को जनरल हाउस बुला लिया है. कर्मचारियों के खिलाफ दिए गए विशेष अधिकार हनन नोटिस वापस न लेने और कर्मचारियों की लंबित मांगों को अब तक न मानने के चलते यह फैसला लिया गया है.
इससे पहले हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र से पहले आखिरी जनरल हाउस किया गया था. इसके बाद भी जनरल हाउस बुलाया गया, लेकिन बाद में जब सरकार की ओर से कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया गया तो जनरल हाउस टाल दिया गया. अब एक बार फिर मांगें पूरी न होने के चलते यह जनरल हाउस बुलाया गया है.
15 अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे जनरल हाउस
इस संबंध में मंगलवार (9 अक्टूबर) को राज्य सचिवालय में कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. 15 अक्टूबर को दोपहर 1:30 बजे राज्य सचिवालय के प्रांगण में सभी कर्मचारी जुटेंगे. इससे पहले बुलाया गया जनरल हाउस कर्मचारियों के लंबित डीए और एरियर के भुगतान को लेकर था.
यहीं कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ कुछ बातें कहीं, जिस पर कैबिनेट मंत्री ने विशेष अधिकार हनन का नोटिस दे दिया. कई कर्मचारियों को मेमो नोटिस भी दिए गए. कर्मचारियों का आरोप था कि पहले कैबिनेट मंत्री ने उनके खिलाफ बयानबाजी की और इसके खिलाफ ही विरोध में ही उन्होंने पलटवार किया था.
लंबित मांगों का जल्द किया जाए निपटारा
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि 15 अक्टूबर को जनरल हाउस बुलाया गया है. अब तक न तो विशेष अधिकार हनन का नोटिस वापस लिया गया है और न ही डीए-एरियर के भुगतान की कोई पुख्ता बात कही जा रही है. इसके अलावा पेंशनर्स का मुद्दा भी बेहद महत्वपूर्ण है. पेंशनर्स को इस महीने 9 तारीख को पेंशन मिली.
इससे पहले सितंबर महीने में कर्मचारियों को भी वेतन 5 तारीख को मिला था और पेंशनर्स को पेंशन 10 तारीख को मिली थी. कर्मचारी अपने लंबित डीए और एरियर के भुगतान की भी मांग उठा रहे हैं. यह कर्मचारियों का अधिकार है. ऐसे में जनरल हाउस में आगामी रणनीति तय की जाएगी.
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