Delhi News: जल्द ही शुरू हो जाएगा AIIMS को 'वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी' बनाने का काम, बस यहां फंसा हुआ है पेंच
Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल ने प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की है और वे इस मुद्दे को केजरीवाल के समक्ष उठा सकते हैं. मंजूरी मिलते ही सालभर में काम शुरू हो जाएगा.

Delhi News: दिल्ली एम्स को वर्ल्ड क्लास यूनिवर्सिटी बनाने की तैयारी है. दरअसल इस प्रोजेक्ट का प्रबंधन कर रही शीर्ष कमेटी को प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न संस्थाओं से 20 में से 18 मंजूरियां मिल गई हैं. सूत्रों ने बताया कि जबकि कमेटी ने आया नगर में 26 हेक्टेयर भूमि और सुल्तानपुर में 6 हेक्टेयर पूरी वृक्षारोपरण के लिये चिह्नित कर ली है. इसके बावजूद अभी तक कमेटी को वन और पर्यावरण विभाग से पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं मिली है.
LG ने किया था प्रोजेक्ट को जल्द मंजूरी देने का आग्रह
सूत्रों ने बताया कि समय पर अनुमति मिलते ही इस साल के अंत तक प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा. बता दें कि 26 जुलाई को इस विषय पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने विभिन्न विभागों के साथ बैठक की थी और जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देने को कहा था. इसके बाद कमेटी को लगभग सभी एजेंसियों से मंजूरी मिल चुकी है अब केवल वन एवं पर्यावरण विभाग से पेड़ों को काटने की मंजूरी मिलना बाकी है. कमेटी लगभग डेढ़ महीने से मंजूरी का इंतजार कर रही है.
एक अधिकारी ने कहा कि LG ने मंजूरी मिलने में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की है, उनका कहना है कि मंजूरी मिलने में देरी राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना को प्रभावित कर सकती है. उन्होंने कहा कि मामले के जल्द समाधान के लिए उपराज्यपाल इस मामले पर सीएम केजरीवाल के साथ भी बातचीत कर सकते हैं.
प्रोजेक्ट के तहत कितने पेड़ काटे जाएंगे
सूत्रों की मानें तो एम्स के पुनर्विकास स्थल पर 5,575 पेड़ों में से 2,934 पेड़ वहीं सुरक्षित रहेंगे, जबकि 1,910 को वहां से प्रत्यारोपित किया जाएगा, और 731 पेड़ों को काटा जाएगा. हालांकि राज्य को पहले ही राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (एसईआईएए) की मंजूरी मिल चुकी है. इस प्रोजेक्ट की वजह से 47% पेड़ पुनर्निर्माण स्थल से हट जाएंगे. एसईआईएए ने कोशिश की कि प्रोजेक्ट की वजह से पेड़ों को नुकसान न हो लेकिन कुछ ही पेड़ों को बचाया जा सकेगा.
इस मुद्दे का भी निकाला जाना है हल
एक अन्य मुद्दा जो अटका पड़ा है वह यह कि भूमि और विकास कार्यालय द्वारा एकल पट्टेदार को आवंटित पांच भूमि खंडों को एक भूखंड में बदलना है. अधिकारियों ने कहा कि इस मसले का कुछ दिनों के भीतर ही हल निकलने की संभावना है.
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Source: IOCL






















