'सीबीआई का जांच अधिकारी मिला हुआ है', abp न्यूज़ से बोलीं उन्नाव रेप की पीड़िता
Unnao Rape Case: पीड़िता ने सीधे तौर पर कहा कि सीबीआई का जांच अधिकारी (IO) मिला हुआ है. उनका आरोप है कि हाईकोर्ट में बहस के दौरान सीबीआई ने उनका साथ नहीं दिया. अगर साथ देते तो जमानत नहीं मिलती.

उन्नाव रेप मामले में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित कर जमानत देने के फैसले ने एक बार फिर पूरे देश का ध्यान खींच लिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद जहां पीड़िता और उसके परिवार ने कड़ा विरोध जताया, वहीं अब खबर है कि सीबीआई भी सुप्रीम कोर्ट का रुख कर इस जमानत को चुनौती देगी. लेकिन इसी बीच पीड़िता ने एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
पीड़िता ने सीधे तौर पर कहा कि सीबीआई का जांच अधिकारी (IO) मिला हुआ है. उनका आरोप है कि हाईकोर्ट में बहस के दौरान सीबीआई ने उनका साथ नहीं दिया. अगर सीबीआई ठीक से उनके वकील का सपोर्ट करती तो शायद सेंगर को जमानत ही नहीं मिलती. पीड़िता ने बताया, "सीबीआई को उस टाइम नहीं दिखा जब हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी. सीबीआई का वकील कोर्ट में खड़ा रहता था और कहता था- हम आपको क्या जानें,. मेरी मां ने कहा कि ये विक्टिम हैं तो बोला कि मैं विक्टिम को क्या जानूं."
सीबीआई के IO पर गंभीर आरोप
पीड़िता की आवाज में गुस्सा और निराशा साफ झलक रही थी. उन्होंने आगे कहा, "अगर सीबीआई मेरे वकील के साथ अच्छे से साथ देती तो आज कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत नहीं होती. इसमें सीबीआई का IO मिला हुआ है."
23 दिसंबर को सेंगर की सजा निलंबित हुई
दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी और अपील लंबित रहने तक उन्हें जमानत दे दी. कोर्ट ने सख्त शर्तें भी लगाईं, जैसे पीड़िता के घर के 5 किलोमीटर दायरे में न आना और परिवार को धमकी न देना. हालांकि, सेंगर अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के दूसरे मामले में उन्हें 10 साल की सजा हो रखी है और वहां जमानत नहीं मिली.
यह मामला 2017 का है, जब कुलदीप सेंगर पर नाबालिग पीड़िता से रेप का आरोप लगा था. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद केस दिल्ली ट्रांसफर हुआ और 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई. लेकिन अब हाईकोर्ट के इस कदम ने पीड़िता के घाव फिर हरे कर दिए हैं.
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