राज्यसभा में हंगामे पर AAP सांसद संजय सिंह का बड़ा बयान, 'बीजेपी संसद पर...'
Parliament Session: राज्यसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के बीच में ही कांग्रेस सहित विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया.

राज्य सभा में LOP श्री @kharge जी का भाषण हुआ पूरी भाजपा ने कई बार विरोध किया. मेरा भाषण हुआ भाजपा चीखने चिल्लाने लगी, विपक्ष के नेताओं को बार बार रोका टोका गया लेकिन आज PM के भाषण पर LOP को 1 मिनट भी बोलने नही दिया गया, भाजपा संसद पर कब्जा करके संविधान की धज्जियां उड़ा रही है .… pic.twitter.com/bkZJpGP18R
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 3, 2024
संजय सिंह ने कहा कि बीजेपी संसद पर कब्जा करके संविधान की धज्जियां उड़ा रही है. अपनी मनमानी से सदन चला रही है.
मल्लिकार्जुन खरगे को अनुमति नहीं मिलने पर भड़का विपक्ष
गौरतलब है कि राज्यसभा में बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के बीच में ही कांग्रेस सहित विपक्ष सदन से बहिर्गमन कर गया. प्रधानमंत्री जब चर्चा का जवाब दे रहे थे तो पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ से कुछ कहने की अनुमति मांगी. आसन की ओर से यह अनुमति नहीं दिये जाने पर विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे. उनकी नारेबाजी के बीच भी जब प्रधानमंत्री ने अपना भाषण जारी रखा तब खरगे सहित कांग्रेस और विपक्ष के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए.
विपक्षी सदस्य जब उच्च सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर जा रहे थे तब प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती. ...जिनके हौसले नहीं हैं ...उन्होंने जो सवाल उठाये उसके जवाब सुनने की हिम्मत नहीं है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष उच्च सदन को अपमानित कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘देश की जनता ने हर प्रकार से उन्हें इतना पराजित कर दिया है कि अब उनके पास गली-मोहल्ले में चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है. नारेबाजी, हंगामा और भाग जाना... यही उनके नसीब में लिखा है.’’
वहीं विपक्ष के बहिर्गमन को ‘‘अत्यंत दर्दनाक और पीड़ादायक’’ करार देते हुए उच्च सदन के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने यह अनुरोध किया था कि नेता प्रतिपक्ष को चर्चा के दौरान बिना रोक-टोक, बोलने का ‘सुअवसर’ दिया जाए. उन्होंने कहा, ‘‘आज वे (विपक्ष) सदन को छोड़कर नहीं गये हैं, मर्यादा छोड़कर गये हैं. आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है, भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है. उन्होंने आज मेरा और आपका अनादर नहीं किया है बल्कि उस शपथ का अनादर किया है जो संविधान के तहत ली गयी है.’’
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