Delhi: दिल्ली में 2 नए बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की तैयारी, सिरसा ने DPCC को दिए ये निर्देश
Delhi News: दिल्ली में बायोमेडिकल कचरे के निपटारे के लिए DPCC दो नए आधुनिक प्लांट लगाने की योजना बनाएगी. मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने छोटे क्लीनिकों के लिए न्यायसंगत शुल्क और प्रशिक्षण पर जोर दिया.

दिल्ली में बढ़ते बायोमेडिकल कचरे के निपटारे के लिए सरकार अब नए कदम उठाने जा रही है. पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को तुरंत प्रभाव से दो आधुनिक बायोमेडिकल वेस्ट (BMW) ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की संभावनाओं का अध्ययन शुरू करने का निर्देश दिया है.
बैठक के दौरान मंत्री ने यह भी कहा कि नॉन-बेडेड क्लीनिकों के लिए वेस्ट मैनेजमेंट शुल्क में तर्कसंगत बदलाव किए जाएं. उनका कहना था कि ऐसे क्लीनिक बहुत कम मात्रा में कचरा पैदा करते हैं, लेकिन उनसे वही शुल्क वसूला जा रहा है जो सात बेड तक वाले नर्सिंग होम से लिया जाता है.
2 यूनिटों पर 40 मीट्रिक टन कचरा निपटाने का बोझ
मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वह स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह से भी चर्चा करेंगे. सिरसा ने कहा कि राजधानी में फिलहाल केवल दो आधे-एकड़ के प्लांट हैं, जिन पर रोजाना करीब 40 मीट्रिक टन कचरा निपटाने का दबाव है.
उन्होंने कहा कि यदि बायोमेडिकल वेस्ट का सही समय पर निस्तारण न किया गया तो यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और वायु गुणवत्ता, दोनों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. मंत्री ने यह भी जोड़ा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित दिल्ली’ विजन के तहत इस समस्या का समाधान जल्द किया जाएगा.
हरियाणा से पीछे क्यों है दिल्ली?
समीक्षाओं में यह भी सामने आया कि लगभग 3 करोड़ की आबादी वाली दिल्ली में सिर्फ दो BMW प्लांट हैं, जबकि लगभग इतनी ही आबादी वाले हरियाणा में 11 प्लांट संचालित हो रहे हैं.
सिरसा ने स्वीकार किया कि क्षमता में यह कमी गंभीर है, लेकिन आश्वासन दिया कि जल्द ही नए प्लांट शुरू किए जाएंगे, जिनमें पर्यावरण-अनुकूल और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा.
छोटे क्लीनिकों को बड़े संस्थानों का बोझ नहीं उठाना चाहिए- मंत्री
मंत्री ने कहा कि छोटे क्लीनिकों को बड़े संस्थानों का बोझ नहीं उठाना चाहिए. उन्होंने साफ किया कि सेवा शुल्क में सुधार कर छोटे संस्थानों के लिए न्यायसंगत व्यवस्था लागू की जाएगी. उन्होंने कहा कि जो क्लीनिक बेहद कम कचरा उत्पन्न करते हैं, उनसे भारी शुल्क लेना उचित नहीं है. इसे जल्द सुधारा जाएगा.
DPCC को आदेश दिया गया है कि नए प्लांट के लिए भूमि, परिवहन व्यवस्था, तकनीकी विकल्प और पर्यावरणीय मानकों पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करे. साथ ही स्वास्थ्य विभाग और DPCC को रोजाना कचरे की मात्रा, परिवहन और प्लांट उपयोग से जुड़ी स्थिति पर नियमित अपडेट देने को कहा गया है.
अस्पताल बनेंगे रोल मॉडल
मंत्री ने कहा कि आंकड़ों पर आधारित निगरानी से न केवल जवाबदेही तय होगी बल्कि आवश्यकता पड़ने पर तत्काल सुधार भी किए जा सकेंगे. सरकार अब केवल इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित नहीं रहना चाहती.
सिरसा ने बताया कि अस्पतालों और क्लीनिकों में अनुपालन और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित वर्कशॉप और प्रशिक्षण सत्र आयोजित होंगे. हाल ही में 20 अस्पतालों को उत्कृष्ट बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन के लिए सम्मानित किया गया है, जिन्हें अब अन्य संस्थानों के लिए उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा.
'स्वच्छ और स्वस्थ दिल्ली' लक्ष्य
मंत्री ने कहा कि हमारा मकसद है कि दिल्ली का हर स्वास्थ्य संस्थान पर्यावरण सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाए. आधुनिक ढांचा, उचित शुल्क और निरंतर प्रशिक्षण के साथ राजधानी को स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की ओर ले जाना हमारी प्राथमिकता है.
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Source: IOCL





















