'दिल्ली में जर्जर और अवैध मकानों पर हो सख्त कार्रवाई', बीजेपी ने नगर निगम से रखी ये मांग
Delhi News: प्रवीण शंकर कपूर ने मुस्तफाबाद में हाल ही हुए हादसे का जिक्र करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'आप' नेताओं के बयान सिर्फ दिखावा है.
Praveen Shankar Kapoor: दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने दिल्ली नगर निगम से मांग की है कि शहर में जर्जर और अवैध रूप से बनी ऊंची इमारतों पर तुरंत कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली में हजारों पुराने और खतरनाक मकान हर साल जानलेवा हादसों का कारण बनते हैं.
कपूर ने नगर निगम आयुक्त अश्वनी कुमार से अपील की कि सभी क्षेत्रों में खतरनाक भवन विभाग बनाया जाए और पांचवीं-छठी मंजिल वाले मकानों को खतरनाक घोषित कर उनकी बिक्री और पंजीकरण पर रोक लगाई जाए.
'आप' नेताओं के बयान सिर्फ दिखावा
प्रवीण शंकर कपूर ने मुस्तफाबाद में हाल ही हुए हादसे का जिक्र करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'आप' नेताओं के बयान सिर्फ दिखावा है. दिल्ली में नियमों के मुताबिक केवल भूतल और तीन मंजिल तक निर्माण की अनुमति है, लेकिन मुस्लिम बहुल इलाकों में चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल के अवैध निर्माण आम हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 2015 से 2025 के बीच 'आप' विधायकों और पार्षदों की शह पर इन इलाकों में अवैध निर्माण बढ़े हैं.
प्रवीण शंकर कपूर ने दावा किया कि जब भी नगर निगम ने अवैध निर्माण रोकने की कोशिश की, 'आप' विधायकों जैसे हाजी यूनुस, अबदुल रहमान, अमानतुल्लाह खान, इमरान हुसैन, सोमदत और शुएब इकबाल ने भीड़ को भड़काकर विरोध करवाया. उन्होंने नगर निगम से मांग की कि जर्जर मकानों को नोटिस देकर गिराया जाए ताकि भविष्य में हादसों को रोका जा सके.
दिल्ली में अवैध निर्माण से संबंधित नियम ?
दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 और यूनिफाइड बिल्डिंग बायलॉज, 2016 के तहत निर्धारित हैं. इन नियमों का पालन दिल्ली नगर निगम (MCD) और अन्य संबंधित प्राधिकरण सुनिश्चित करते हैं. नीचे अवैध निर्माण से जुड़े प्रमुख नियम और प्रावधानों को आसान भाषा में समझाया गया है.
मुख्य नियम और प्रावधान
मंजिलों की सीमा: दिल्ली में सामान्य रूप से भूतल सहित अधिकतम तीन मंजिल (कुछ मामलों में चार) की अनुमति है. इससे अधिक मंजिलें (जैसे पांचवीं या छठी) बिना विशेष अनुमति के अवैध हैं.
स्वीकृत नक्शा अनिवार्य: कोई भी निर्माण शुरू करने से पहले MCD से नक्शा स्वीकृत कराना जरूरी है. बिना स्वीकृति के निर्माण अवैध है.
जर्जर भवन: पुराने और खतरनाक मकानों को MCD द्वारा "खतरनाक भवन" घोषित किया जा सकता है. ऐसे मकानों को नोटिस देकर हटाने या मरम्मत का आदेश दिया जाता है.
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पर रोक: अवैध निर्माण वाले मकानों की बिक्री या पंजीकरण पर MCD रोक लगा सकता है.
जुर्माना और कार्रवाई: अवैध निर्माण पर जुर्माना, सीलिंग या तोड़फोड़ की कार्रवाई हो सकती है.
MCD की कार्रवाई प्रक्रिया
सर्वे और नोटिस: MCD अवैध निर्माण की शिकायत या सर्वे के आधार पर नोटिस जारी करता है.
सुनवाई का मौका: मालिक को जवाब देने और नियमित करने का मौका दिया जाता है.
तोड़फोड़: यदि मालिक नियमों का पालन नहीं करता, तो MCD अवैध हिस्से को तोड़ सकता है.
खतरनाक भवन विभाग: यह विभाग जर्जर और असुरक्षित इमारतों की पहचान कर कार्रवाई करता है.
विशेष क्षेत्रों में नियम और कानूनी परिणाम
- मुस्लिम बहुल या अन्य घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अवैध निर्माण की शिकायतें आम हैं. MCD को इन क्षेत्रों में नियम लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन नियम सभी क्षेत्रों के लिए एक समान हैं.
- विशेष अनुमति (जैसे ऊंची इमारतों के लिए) लेने पर ही अतिरिक्त मंजिलें बनाई जा सकती हैं.
- अवैध निर्माण करने वालों को जुर्माना, कानूनी कार्रवाई या संपत्ति जब्त होने का सामना करना पड़ सकता है.
- खतरनाक मकानों के कारण हुए हादसों में मालिक जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं.
MCD द्वार नियम के अनुसार आमलोगों को सुझाव
- निर्माण से पहले MCD से अनुमति लें और स्वीकृत नक्शे का पालन करें.
- जर्जर मकानों की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए MCD से संपर्क करें.
- अवैध निर्माण की शिकायत के लिए MCD की वेबसाइट या हेल्पलाइन का उपयोग करें.
इसे भी पढ़ें: '...बार-बार कर रहे दिल्ली के दौरे', कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा का CM भजनलाल शर्मा पर हमला
Source: IOCL






















