दिल्ली में बारिश बनी काल! नबी करीम इलाके में दीवार ढहने से 3 मजदूरों की दर्दनाक मौत
Building Collapse In Paharganj: दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के मुताबिक घटना के वक्त निर्माणाधीन बिल्डिंग के बेसमेंट की खुदाई का काम चल रहा था, इसी दौरान इमारत की एक दीवार ढह गई.

Building Collapse In Delhi: दिल्ली के आराकसा रोड पर शनिवार (17 मई) की शाम एक ऐसी त्रासदी हुई, जिसने हर किसी का दिल दहला दिया. बारिश की वजह से एक निर्माणाधीन दीवार अचानक ढह गई और इसके मलबे में दबकर तीन मजदूरों की जिंदगी हमेशा के लिए खत्म हो गई. इस हादसे ने न सिर्फ इन मजदूरों के परिवारों को तोड़ दिया, बल्कि पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया. एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में जिंदगी-मौत से जूझ रहा है.
दरअसल, शाम 6:20 बजे के करीब पुलिस को एक पीसीआर कॉल मिली कि आराकसा रोड पर एक दीवार गिर गई है. मौके पर पहुंची पुलिस और बचाव टीम को पता चला कि वहां एक बेसमेंट का निर्माण कार्य चल रहा था. भारी बारिश ने दीवार को कमजोर कर दिया, और देखते ही देखते वह भरभराकर ढह गई. मलबे में कई मजदूर दब गए. बचाव दल ने तुरंत काम शुरू किया, लेकिन तीन मजदूरों को बचाया नहीं जा सका.
#WATCH | An under-construction building collapsed in Delhi's Paharganj area. Three people are feared trapped. Search and rescue operation underway.
— ANI (@ANI) May 17, 2025
More details are awaited. pic.twitter.com/2ffu3QWlRL
हादसे में 3 मजदूरों की मौत
मृतकों में 65 साल के प्रभु थे, जो इस निर्माण कार्य के ठेकेदार थे. बिहार के मुंगेर के रहने वाले प्रभु अपने परिवार की रीढ़ थे. उनके साथ 40 साल के निरंजन (मुंगेर, बिहार) और 35 साल के रोशन (आजमगढ़, यूपी) भी इस हादसे का शिकार हुए. निरंजन और रोशन प्रभु के साथ मजदूरी करते थे. तीनों की मौत ने उनके परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया. रोशन के एक पड़ोसी ने बताया, “वो अपने बच्चों के लिए दिन-रात मेहनत करता था. अब उनके परिवार का क्या होगा?”
घायल मजदूर की हालत नाजुक
हादसे में 35 साल का छुट्टन गंभीर रूप से घायल हुआ है. ये बिहार के मुंगेर का रहने वाला है. उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत अब भी नाजुक बनी हुई है. परिवार और दोस्त उसकी सलामती की दुआ मांग रहे हैं.
बचाव कार्य जारी, लोग गुस्से में
पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर बचाव कार्य में जुटी हैं. मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है.आसपास के लोग गुस्से और दुख में हैं. उनका कहना है कि बारिश के बावजूद निर्माण कार्य चलता रहा, जो इस हादसे की बड़ी वजह बना. एक स्थानीय ने कहा, “इतनी बारिश में काम रोक देना चाहिए था. ये लापरवाही ने तीन जिंदगियां छीन लीं.
परिवारों का टूटा आसरा
प्रभु, निरंजन और रोशन अपने परिवारों के लिए कमाने वाले इकलौते सदस्य थे. उनकी मौत की खबर सुनते ही परिवारों में चीख-पुकार मच गई. प्रभु की बेटी ने रोते हुए कहा, “पापा हमारे लिए सब कुछ थे. अब हमारा क्या होगा?” इस हादसे ने उनके बच्चों और बुजुर्ग माता-पिता के सपनों को चकनाचूर कर दिया.
यह हादसा निर्माण स्थलों पर मजदूरों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े करता है. क्या बारिश में काम रोकने का कोई नियम नहीं था? क्या दीवार की मजबूती की जांच हुई थी? लोग अब इन सवालों के जवाब चाहते हैं.
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Source: IOCL





















