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Monkeypox: देश में मंकीपॉक्स वायरस से एक मरीज की मौत, जानें- क्या है लक्षण और बचाव के तरीके

Monkeypox: मंकीपॉक्स खतरे को लेकर एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि दुनिया भर में इस वक्त मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है. अपने देश में भी इसके मामले सामने आए हैं.

Monkeypox: दुनिया भर में अभी कोरोनावायरस (Coronavirus) का खतरा खत्म भी नहीं हुआ था कि अब एक नई बीमारी मंकीपॉक्स (Monkeypox) की चर्चा शुरू हो गई है. दुनिया भर में इस संक्रमण के मरीज सामने आ रहे हैं. भारत में भी अब तक मंकीपॉक्स वायरस के 4 मरीज मिल चुके हैं. हालांकि इसी बीच एक राहत की खबर यह भी है कि एक मरीज इस संक्रमण से ठीक हो गया है, लेकिन वहीं केरल के एक 22 साल के मंकीपॉक्स संक्रमण से संक्रमित मरीज की मौत हो गई है. देश में इस संक्रमण के चलते यह पहला मामला है, जिसमें कि मरीज की मौत हो गई है.
 
इसके साथ ही राजधानी दिल्ली में भी मंकीपॉक्स से संक्रमित एक मरीज एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती है. हालांकि, डॉक्टर्स की मानें तो मरीज की हालत में सुधार हो रहा है. एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश का कहना है कि मरीज को अब बुखार नहीं है और न ही उसे किसी और तरीके की परेशानी है. बस उसके शरीर पर जो फोड़े हैं, उनके ठीक होने का इंतजार किया जा रहा है. डॉक्टर की टीम मरीज पर निगरानी रखे हुए हैं.
 
कोरोना जैसी बीमारी नहीं है मंकीपॉक्स: एक्सपर्ट 
इसी बीच मंकीपॉक्स खतरे को लेकर एक्सपर्ट चिंता जता रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि दुनिया भर में इस वक्त मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है. अपने देश में भी इसके मामले सामने आए हैं. ऐसे में इससे बचाव और सावधानी बेहद जरूरी है. कुछ चीजों का ध्यान रखकर हम इसके खतरे से बचे रह सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि मंकीपॉक्स कोरोना जैसी बीमारी नहीं है. मंकीपॉक्स वायरस एक डीएनए वायरस है, जिसकी अच्छी बात यह है कि यह अपना रंग-रूप नहीं बदलता है. जबकि कोविड अपना रंग-रूप बदलता आया है.
 
लापरवाह होने पर मंकीपॉक्स हो सकता है खतरनाक
एक्सपर्ट का कहना है कि नए-नए वैरिएंट के साथ लोगों पर इसका प्रभाव देखने को मिला है, लेकिन मंकीपॉक्स वायरस एक डीएनए वायरस है, जिसका रंग-रूप नहीं बदलता. साथ ही जिस तरीके से कोरोनावायरस फैलता है वैसे मंकीपॉक्स वायरस नहीं फैलता. एक्सपर्ट का मानना है कि मंकीपॉक्स वायरस कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन इसको लेकर लापरवाह होना भी खतरनाक हो सकता है. इसके लिए सावधानी और कुछ एहतियाती कदम अगर उठाए जाएं तो आप इस संक्रमण से बचे रह सकते हैं.
 
इन लोगों को भी हो सकता है मंकीपॉक्स
 
ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर रोहन कृष्णन ने एबीपी न्यूज़ को बताया मंकीपॉक्स वायरस से पहले अफ्रीकन देशों में मंकीस में देखा जाता था. इसीलिए इसे मंकीपॉक्स वायरस का नाम दिया गया. इस वायरस का जींस जिसे ऑर्थोपॉक्स वायरस के नाम से जाना जाता है, यह स्मॉल पॉक्स से भी बिलॉन्ग करता है. ऐसे में वह लोग यह जरा भी ना सोचे कि जिन्हें पहले स्मॉलपॉक्स या चिकनपॉक्स हो गया है. वह इस बीमारी से संक्रमित नहीं हो सकते या उनके लिए इसका खतरा नहीं है. हालांकि, इसको लेकर घबराने की या आपराधिक करने की भी जरूरत नहीं है. उन्होंने मंकीपॉक्स के लक्षणों के बारे में भी बताया.
 
 
मंकीपॉक्स के लक्षण
डॉक्टर रोहन कृष्णन ने बताया कि यदि आपको बुखार हो रहा है, आपके शरीर पर हल्के या बड़े दाने निकल रहे हैं या फिर थकावट, शरीर पर रेशेज होना. यह इसके महत्वपूर्ण लक्षण है. ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और लोगों से दूरी बनाना शुरू कर दें. ऐसे लक्षण पाए जाने पर तुरंत ही इसकी जांच करवाएं.
 
मंकीपॉक्स से बचाव
1. डॉक्टर ने बताया कि मंकीपॉक्स वायरस से बचाव के लिए कई आसान उपाय हैं जो आप करते रहेंगे तो इससे बचे रह सकते हैं. इस बीमारी के बाद शरीर पर हल्के और गहरे दाने देखने को मिलते हैं. ऐसे में इनफेक्टेड मरीजों से दूरी बनाएं. स्किन टू स्किन टच होने पर यह संक्रमण हो सकता है. जैसे- गले मिलना, यौन संबंध बनाना, हाथ मिलाना या फिर किसी भी तरीके से स्किन टू स्किन संक्रमित व्यक्ति को छूना.

2. संक्रमित व्यक्ति को खाना खाने के लिए अलग बर्तन और उसे एक अलग रूम में रखें. उनके कपड़ों और बर्तनों का इस्तेमाल ना करें. इसके साथ ही आप तो पिछले 3 साल से कोरोनावायरस से बचाव के लिए जो जरूरी उपाय कर रहे हैं. वह उपाय भी अपना सकते हैं, जिसमें कि आप बार-बार अपने हाथों को साबुन से धोएं, सेनिजाइजर का इस्तेमाल करें. सोशल डिस्टेंस का पालन करें, गले न मिले और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, दूसरों के कपड़े और बिस्तर का इस्तेमाल भी ना करें.

3. डॉक्टर रोहन ने बताया कि कोरोनावायरस जो कि इनफ्लुएंजा वायरस है, नाक, आंख और मुंह से हमारे शरीर में प्रवेश करता है. संक्रमित व्यक्ति की ओर से जिस हवा में सांस ली जा रही है या वह उस हवा में छींकता है तो उस हवा में भी सांस लेने से कोरोना संक्रमण हो सकता है, लेकिन मंकीपॉक्स संक्रमण जो संक्रमित व्यक्ति को छूने से फैल सकता है. इसके साथ ही उन लोगों में इस का खतरा ज्यादा है, जिनकी इम्युनिटी कम है. मौजूदा समय में बारिश का मौसम है. यह ऐसा मौसम है, जब आम तौर पर हमारे शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है. बीमारियां तेजी से फैलती हैं, इसीलिए मौजूदा दिनों में किसी भी बीमारी से बचाव और सावधानी बेहद आवश्यक है.

4. उन्होंने बताया कि खास तौर पर वह लोग जो किसी न किसी बीमारी से पहले से पीड़ित हैं. बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं इन्हें मंकीपॉक्स वायरस से खास ध्यान रखने की आवश्यकता है. आप यदि बाहर जा रहे हैं तो मास्क का इस्तेमाल करें, लोगों को न छूए, हाथ ना मिलाएं, गले न मिले. हाथों को सैनिटाइज करते रहें. सोशल डिस्टेंस का पालन करें. क्योंकि आप बाहर जाते हैं तो यदि कोई संक्रमित व्यक्ति किसी जगह बैठता है और यदि वहां पर आप बैठते हैं तो संक्रमण का खतरा आपको हो सकता है.

फिलहाल मंकीपॉक्स वायरस के लिए वैक्सीन नहीं आई है. लेकिन दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में इसका इलाज किया जा रहा है. राजधानी में एलएनजेपी अस्पताल को मंकीपॉक्स का नोडल सेंटर बनाया गया है. जहां पर इस वक्त एक मरीज भर्ती है, जिसका इलाज चल रहा है. हालांकि, पहले से मरीज की हालत में सुधार है. लेकिन इसी के साथ देश में एक मरीज की इस संक्रमण के चलते मौत हो गई है.

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