चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले दिल्ली की नौकरशाही में बड़ा फेरबदल, DDA, MCD और NDMC में नई पोस्टिंग
Lok Sabha Elections: दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के मुताबिक नई नियुक्तियों को सीएम अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण द्वारा मंजूरी दी गई है.
Delhi News: दिल्ली सरकार ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आचार संहिता लागू होने से प्रशासनिक सेवा में बड़े फेरबदल के आदेश दिए हैं. केजरीवाल सरकार ने बुधवार को भारतीय प्रशासिनक सेवा (आईएएस) के कई वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले सहित डीडीएस, एमसीडी और एनडीएमसी में नई नियुक्तियों के निर्देश दिए हैं.
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इन नियुक्तियों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) द्वारा मंजूरी दी गई है. आदेश के अनुसार 1993 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी प्रशांत गोयल को प्रमुख सचिव-सह-आयुक्त (परिवहन) नियुक्त किया गया है. इस विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहीं निहारिका राय को कार्यमुक्त कर दिया गया है.
इन्हें मिले नये प्रभार
ताजा आदेश के मुताबिक 1994 बैच के आईएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी को तीन सरकारी विभागों का प्रभार दिया गया है. उन्हें प्रमुख सचिव (सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण) के रूप में नियुक्त किया गया है और उनके पास प्रमुख सचिव (सामान्य प्रशासन) सहित दो अतिरिक्त प्रभार भी होंगे.
इसके अलावा, 2011 बैच की अधिकारी मिताली नामचूम निदेशक (महिला एवं बाल विकास) का कार्यभार संभालेंगी. कृष्ण कुमार को प्रधान सचिव (लोक निर्माण विभाग) नियुक्त किया गया है. पंकज कुमार दो अतिरिक्त प्रभार के साथ प्रमुख सचिव (लोक निर्माण विभाग) का प्रभार संभाल रहे थे. उनके पास उपायुक्त (मुख्यालय) समेत अन्य प्रभार रहेंगे.
हर स्तर पर फेरबदल
दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राजधानी के नागरिक निकायों के साथ-साथ उपराज्यपाल सचिवालय में विभिन्न पदों पर नौकरशाही में फेरबदल किया. सूत्रों के अनुसार कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दिल्ली सरकार के विभागों के साथ-साथ नागरिक निकायों में पोस्टिंग के शीर्ष पर अपने कार्यकाल के अंत में आ गए थे और उन्हें केंद्र में सूचीबद्ध किया जाना था. इसका दिल्ली में अधिक पोस्टिंग पर प्रभाव पड़ेगा और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले यह आखिरी ऐसी कवायद होने की संभावना है, क्योंकि चुनावों से पहले आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी.