LinkedIn पर नौकरी का झांसा, महिला से 1 करोड़ की ठगी, गोवा से आरोपी गिरफ्तार
Delhi News: नौकरी और निवेश के नाम पर ठगी करने वाले एक हाई-टेक ठग को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. आरोपी ने महिला और उसके परिवार से 1.10 करोड़ रुपये की ठगी की.

पेशेवर नेटवर्किंग साइट LinkedIn का इस्तेमाल आज जहां करियर बनाने के लिए किया जाता है, वहीं ठगों के लिए यह नया हथियार बन चुका है. द्वारका जिले की साइबर पुलिस ने एक ऐसे हाई-टेक ठग को गिरफ्तार किया है जिसने एक महिला और उसके परिवार को नकली नौकरी और इन्वेस्टमेंट के नाम पर 1.10 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया.
आरोपी को गोवा से गिरफ्तार किया गया है और उसके कब्जे से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन और कई बैंक लेनदेन से जुड़े सबूत बरामद हुए हैं.
फर्जी कंपनियों की आड़ में रचा करोड़ों का खेल
डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि, साइबर पुलिस NCRP के माध्यम से एक ठगी की शिकायत मिली थी. जिंसमें एक महिला शिकायतकर्ता दीक्षा कनो्जिया ने बताया कि आरोपी कुनाल सतीश हेलकर ने उनका और उनके परिवार का भरोसा जीतकर उनके साथ धोखाधड़ी की. आरोपी ने खुद को “Vijaya Digital Corporation” का CEO बताते हुए दीक्षा को डिजिटल एसोसिएट न्यूज एडिटर की फर्जी नौकरी का ऑफर दिया, जिसमें 45,000 रुपये मासिक वेतन का वादा किया गया था.
धीरे-धीरे उसने Planner Media Group, Speak Community Network जैसी फर्जी कंपनियाँ बनाईं और खुद को UNESCO India से जुड़ा बताकर उसे अपने झांसे में ले लिया. जिसके बाद फर्जी ऑफर लेटर, नकली रसीदें और जाली दस्तावेज़ों के जरिए उसने दीक्षा और उनके परिवार से गैजेट ख़रीद, DDA फ्लैट आवंटन, इंटर्नशिप फीस और अन्य बहानों से करोड़ों की ठगी कर ली.
शिकायत के आधार पर साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीपी राम अवतार की देखरेख में एसएचओ राजीव कुमार के नेतृत्व एसआई विकास सांगवान, एसआई सोनम कपूर, एएसआई अजय पासवान, हेड कांस्टेबल सुनील, हेड कांस्टेबल अभय और कांस्टेबल नरेश की जांच टीम का गठन किया गया.
डिजिटल हेराफेरी और पेशेवर नेटवर्क का दुरुपयोग
टीम को जांच में पता चला कि आरोपी पेशेवर नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म्स पर खुद को सफल उद्यमी बताकर लोगों से जुड़ता था. वह UNESCO और DDA जैसी संस्थाओं के फर्जी ईमेल और वेबसाइट बनाता था, ताकि पीड़ितों को यह यकीन हो कि वे किसी असली ऑर्गेनाइजेशन से जुड़े हैं. इसके बाद वह जॉब ऑफर, फ्लैट बुकिंग, गैजेट बिक्री, या लोन प्रोसेसिंग जैसी योजनाओं के नाम पर धीरे-धीरे रकम ऐंठ लेता था. इतना ही नहीं, आरोपी पीड़ितों के साथ लगातार संपर्क में रहता था और फोन कॉल्स, वीडियो कॉल्स और यहां तक कि उनके घर में CCTV कैमरे लगवाकर उनकी गतिविधियों पर नज़र रखता था.
पुलिस ने ऐसे सुलझाई गुत्थी
पुलिस टीम ने तकनीकी विश्लेषण के ज़रिए आरोपी की डिजिटल गतिविधियों की तह तक पहुंची. मोबाइल नंबर, ईमेल, बैंक ट्रांजैक्शन और ऑनलाइन चैट की गहन जांच के बाद कुनाल हेलकर (24 वर्ष) का लोकेशन गोवा में मिला. जिस पर टीम ने तुरंत छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया और उसके पास से फर्जी दस्तावेज़, नकली ईमेल आईडी, और वित्तीय रिकॉर्ड बरामद किए.
आरोपी महाराष्ट्र के पुणे स्थित सतारा का रहने वाला है. वह खुद को Planner Media Group, Vijaya Digital Corporation और Speak Community Network का CEO बताता था. पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि उसने कई फर्जी कंपनियाँ बनाईं और शिकायतकर्ता परिवार से 1 करोड़ रुपये से अधिक की रकम हड़प ली.
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और गोवा से ट्रांज़िट रिमांड पर दिल्ली लेकर आई है. अब पुलिस उसकी डिजिटल डिवाइस और क्लाउड डेटा की जांच कर रही है ताकि अन्य पीड़ितों और सहयोगियों की पहचान की जा सके.
Source: IOCL






















